कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में चमत्कार की आस लगाए बैठे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) का रवैया निराश कर देने वाला रहा है। कानून वापसी के बाद अंदरखाने रालोद के साथ तालमेल की बातचीत शुरु कर चुकी भाजपा के लिए जयंत चौधरी व सपा मुखिया अखिलेश यादव की मुलाकात और उसके बाद दोनों के उत्साह से भरे ट्वीट दिल तोड़ देने वाले रहे हैं।
बीजेपी के मंसूबों पर फिरा पानी, कितना असरदार होगा सपा-रालोद गठजोड़?
- उत्तर प्रदेश
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- 25 Nov, 2021

क्या कृषि क़ानून वापस लेने के बाद भी बीजेपी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका फ़ायदा नहीं मिलेगा?
हालांकि अभी दोनों दलों के बीच गठबंधन को औपचारिक स्वरुप नहीं दिया गया है पर सीटों से लेकर चुनाव प्रचार तक बहुत कुछ तय हो गया है।
खुद रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि इसी महीने के आखिर तक गठबंधन का एलान कर दिया जाएगा। रालोद के साथ गठबंधन की आस के परवान न चढ़ने और बदलते घटनाक्रम के बाद भाजपा के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश में चिंता जरुर बढ़ी है।