लंबे समय तक उत्तर प्रदेश की सत्ता में एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस आज राज्य में अपने सियासी वजूद को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। लगातार हार के सिलसिले ने उसके उत्तर प्रदेश में फिर से लौटने की उम्मीदों को लगभग ख़त्म कर दिया है। लेकिन शायद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने हार नहीं मानी है और वह प्रदेश में संगठन को खड़ा करने की जी-तोड़ कोशिश कर रही हैं और इसी क्रम में यूपी में नये कांग्रेस अध्यक्ष के चयन में पार्टी हाईकमान ने उनकी पसंद का ख्याल रखा है।