सोमवार को बिहार के बक्सर में गंगा में 45 से ज़्यादा शव मिलने की ख़बर और इसके विजुअल्स से विचलित हुए लोगों को उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना नदी में 7 शव मिले हैं। माना जा रहा है कि इन लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है।
टीओआई के मुताबिक़, एएसपी हमीरपुर, अनूप कुमार ने कहा कि दो शव कानपुर की ओर से ट्रैक्टर्स में लाए गए और इन्हें गंगा में बहा दिया गया। इसलिए कानपुर आउटर और कानपुर देहात की पुलिस से इस बारे में संपर्क किया गया है।
एएसपी ने कहा है कि गांवों में अभी भी कई परिवार अंतिम संस्कार के लिए जल समाधि की प्रथा में भरोसा करते हैं और हो सकता है कि इसमें भी कुछ ऐसा हुआ हो। हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच जारी है।
जबकि इस इलाक़े के ग्रामीणों के मुताबिक़, कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में गांवों में लोगों की मौत हुई है और संक्रमण फैलने के डर से मृतकों के परिवारों ने शवों को गंगा में बहा दिया है।
सामाजिक बहिष्कार का डर
टीओआई के मुताबिक़, एक ग्रामीण ने कहा कि कोरोना से मौतें होने के बाद सामाजिक बहिष्कार का डर है और इस वजह से नदी में बहा दिए जाने वाले शवों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जबकि एक पुलिस अफ़सर ने कहा कि पहले यमुना में हर दिन एक-दो शव मिलते थे लेकिन बीते कुछ दिनों में इस नदी में मिलने वाले शवों की संख्या बढ़ गई है।
कई ग्रामीण पंचक के वक़्त मृतक परिजनों के शवों के अंतिम संस्कार के बजाय उन्हें नदी में बहा देते हैं क्योंकि इस वक़्त को अशुभ माना जाता है।
अंतिम संस्कार से डरे लोग
बहरहाल, जो भी हो लेकिन इससे इस बात का अंदेशा होता है कि कोरोना से होने वाली मौतों के बाद परिजनों के अंतिम संस्कार तक से लोग बुरी तरह डरे हुए हैं। इससे ये भी पता चलता है कि कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा सरकारी आंकड़े से ज़्यादा होगा क्योंकि गांवों में कोरोना की टेस्टिंस न के बराबर है और पंचायत चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश के कई गांवों में खांसी-बुखार से लोग परेशान हैं।
बक्सर की घटना
बिहार के बक्सर वाली घटना में चौसा कस्बे में महादेवा घाट पर लगे लाशों के अंबार की भी काफी चर्चा है। ये लाशें बुरी तरह फूली हुईं और सड़ चुकी थीं। लाशों को देखने के बाद लोगों ने स्थानीय प्रशासन को इसकी इत्तिला दी। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ये लाशें उत्तर प्रदेश से बह कर आई हैं और यहां भी यही माना जा रहा है कि ये लाशें कोरोना से मारे गए लोगों की हैं, जिन्हें परिजनों ने संक्रमण या सामाजिक बहिष्कार के डर से गंगा में प्रवाहित कर दिया।
लेकिन जो भी हो इस मामले की गंभीर जांच ज़रूर की जानी चाहिए कि आख़िर कौन गंगा-यमुना में लाशों को फेंक रहा है।
अपनी राय बतायें