हापुड़ में 6 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी की वजह से उत्तर प्रदेश एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन दिल दहला देने वाली यह घटना सूबे की अकेली घटना नहीं है। मीडिया में हर रोज दरिंदगी की घटनाओं का विवरण आता है लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया में यह किसी कोने में दुबकी हुई होती हैं।
यूपी: हापुड़ में 6 साल की बच्ची से दरिंदगी, अपराधी 4 दिन बाद भी पकड़ से बाहर
- उत्तर प्रदेश
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- 10 Aug, 2020

हापुड़ में 6 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी की वजह से उत्तर प्रदेश एक बार फिर सुर्खियों में है।
अब निर्भया कांड पर कोई आंदोलन नहीं होता बल्कि 'गुड वर्क' के प्रशस्तिगान होते हैं। मीडिया का बड़ा हिस्सा रामराज्य या कानून के राज की छवि बनाने में लीन रहता है तो विपक्ष अपनी दुम दबाए दड़बों में बंद नज़र आता है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और खाकी ने एनकाउंटर इंडस्ट्री खोल दी है।
क्या हुआ रामराज्य का?
अबला की इज्जत की कीमत खुलेआम लगाई जा रही है और पुलिस मौन धारण कर समझौतानामा आने का इंतज़ार करती है। हत्या के बाद लाश के टुकड़े-टुकड़े कर बोरवेल में डाल दिए जाते हैं और शव के अवशेषों की बरामदगी के लिए पीड़ितों को धरना देने के लिए विवश होना पड़ता है लेकिन परिणाम शून्य। यह नए तरीके का रामराज्य है जिसने पिछली सरकारों के जंगलराज को भी धता बता दिया है।