प्रवर्तन निदेशालय या ईडी ने मंगलवार की सुबह तमिलनाडु के कई शहरों में छापेमारी की है। ईडी की यह छापेमारी पूर्व डीएमके कार्यकर्ता और फिल्म निर्माता जाफर सादिक से जुड़े ठिकानों पर हुई है। यह छापेमारी ड्रग तस्करी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारी मंगलवार की सुबह ही केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई, मदुरै और तिरुचिरापल्ली में दो दर्जन से अधिक ठिकानों की तलाशी लेने पहुंच गए।
जाफर सादिक को पिछले महीने ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो या एनसीबी ने अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी गिरोह की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। उन्हें 2000 करोड़ रुपये की ड्रग्स की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने 2,000 करोड़ रुपये के ड्रग्स की तस्करी मामले में गिरफ्तार पूर्व डीएमके कार्यकर्ता और फिल्म निर्माता जाफर सादिक से जुड़े तमिलनाडु के 30 स्थानों पर छापेमारी की है।
मंगलवार की छापेमारी के स्थानों में चेन्नई के सैंथोम इलाके में सादिक का आवास, मायलापुर में उनका कार्यालय और पेरुंगुडी में एक गोदाम शामिल हैं।
इस बीच, सादिक के साझेदारों से जुड़े परिसर भी ईडी की जांच के दायरे में आ गए हैं। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक ने एनसीबी द्वारा अपने पूर्व पार्टी कार्यकर्ता का नाम ड्रग्स तस्करी से संबंधित नेटवर्क से संबंध का उल्लेख किए जाने के बाद उसे निष्कासित कर दिया था।
लेकिन अपनी गिरफ्तारी के बाद, सादिक ने कथित तौर पर एनसीबी को बताया कि उसने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य मंत्री उदयनिधि स्टालिन को 7 लाख रुपये दिए, जिनमें से 5 लाख रुपये बाढ़-राहत निधि के रूप में दिए गए थे।
एनसीबी के अनुसार, सादिक एक ड्रग सिंडिकेट का संचालन कर रहा था, जिसने पिछले तीन वर्षों में विभिन्न देशों में 45 खेप भेजी, जिसमें लगभग 3,500 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन नाम की ड्रग्स थी।
एनसीबी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले वह फरार चल रहा था। गिरफ्तार होने से पहले, उसने चेन्नई से तिरुवनंतपुरम, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और जयपुर की यात्रा की थी।
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