त्रिपुरा विधानसभा के लिए मतदान कल गुरुवार को होगा। बीजेपी के सामने अपनी सरकार बचाए रखने की चुनौती है। त्रिपुरा चुनाव में भी पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगे गए हैं। इसलिए मोदी की साख भी त्रिपुरा में दांव पर है।
त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान है। त्रिपुरा के पिछले चुनाव में बीजेपी ने सीपीएम को सत्ता से हटाया था लेकिन बीजेपी पिछले पांच साल सत्ता में रहते हुए अपना घर ठीक कर पाई। नतीजा ये निकल रहा है कि इस बार विधानसभा चुनाव 2023 में हालात उसके खिलाफ हैं।
जबकि तिप्रा मथा ने ग्रेटर तिपरालैंड की मांग पर लिखित समझौते के बिना किसी भी गठबंधन में शामिल होने से इंकार कर दिया था। अपनी इस मांग के लिए उसने गठबंधन के लिए भाजपा से भी बात की। लेकिन अंतिम समय तक बात नहीं बनी।
त्रिपुरा में क्षेत्रीय दलों आईपीएफटी और टिपरा मोझ के बीच नए समीकरण बन रहे हैं। शनिवार से गुवाहाटी के होटल में बैठक चल रही है। बीजेपी की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में मुख्यमंत्री बदलने के समय से ही वहां बीजेपी पहले से ही चुनावी मोड में चुकी है। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के लिए त्रिपुरा की जीत इतनी आसान नहीं लग रही है।