प्रकाश अंबेडकर गठबंधन से बाहर क्यों हुए? क्या उद्धव ठाकरे ने अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी की उपेक्षा की? कितने ताक़तवर हैं अंबेडकर? उनके जाने से अघाड़ी को कितना नुक़सान हो सकता है? इंडिया गठबंधन के धड़ों में सीटों का बँटवारा क्यों नहीं हो पा रहा है?
महाराष्ट्र में एमवीए को बुधवार को उस समय झटका लगा, जब प्रकाश अंबेडकर की वीबीए ने 2024 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया। उसने उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी। उद्धव ठाकरे की शिवसेना की सूची आने के बाद यह घटनाक्रम हुआ। उधर कांग्रेस के भी नेता उद्धव सेना की लिस्ट से खुश नहीं हैं। संजय निरुपम बगावत पर आमादा हैं। जानिए महाराष्ट्र मे ंक्या हो रहा हैः
महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में अब तक सीट बँटवारा नहीं हो पाने को लेकर गठबंधन के सहयोगी प्रकाश आंबेडकर ने अल्टीमेटम क्यों दिया है? क्या उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है?
महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में अब तक सीट बँटवारा नहीं हो पाया है और अब गठबंधन के सहयोगियों में दरारें भी आने लगी हैं। जानिए, वंचित बहुजन अघाडी के प्रकाश आंबेडकर ने क्या फ़ैसला लिया।
महाराष्ट्र की राजनीति में सोमवार को बड़ा समीकरण नजर आया। उद्धव ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर ने नए गठबंधन की घोषणा की। उद्धव ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस और एनसीपी भी इस गठबंध में रहेंगे।
महाराष्ट्र की राजनीति में आज नया समीकरण बन सकता है। उद्धव ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर अपने गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं। आज ही बाला साहब ठाकरे की जयंती भी मनाई जा रही है।
महाराष्ट्र में राजनीति नई करवट ले रही है । उद्धव छाकरे और प्रकाश आंबेडकर के बीच गठबंधन क्या महाराष्ट्र में नया गुल खिलायेगी ? क्या महाराष्ट्र में दलित वोटों का नये सिरे से ध्रुवीकरण होगा ? या फिर एक बुलबुला है जिसका कोई असर नहीं होगा ?
शिवसेना जहां हिंदुत्व की राजनीति करने के लिए जानी जाती है वहीं प्रकाश आंबेडकर सेक्युलर राजनीति करते हैं। अगर महा विकास आघाडी के मौजूदा ढांचे को बरकरार रखते हुए इसमें वंचित बहुजन आघाडी शामिल हो तो निश्चित रूप से यह गठबंधन बीजेपी-एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए चुनौती बन सकता है।