महाराष्ट्र की राजनीति आज 23 जनवरी को गरमाई हुई है। एक तरफ तो बाला साहब ठाकरे की जयंती पर उद्धव और शिंदे की शिवसेना अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण वो गठबंधन है, जिसकी घोषणा सोमवार को उद्धव ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर कर सकते हैं। यह घोषणा होती है तो प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे और उसका असर बीएमसी चुनाव में भी देखने को मिलेगा।
खबर है कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला गुट और प्रकाश आंबेडकर का वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) 23 जनवरी को बाल ठाकरे की जयंती पर मुंबई में दोपहर 12.30 बजे गठबंधन की घोषणा कर सकता है। बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश ने महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया है।
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महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय और निकाय चुनावों से पहले गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया है। घोषणा दक्षिण मुंबई के दादर में शिवसेना भवन या अंबेडकर भवन में की जानी है।
हाल ही में, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 'द पीपल्स' रिपब्लिकन पार्टी' के अध्यक्ष जोगेंद्र कवाडे के साथ अपनी पार्टी 'बाला साहेबांची शिवसेना' के गठबंधन की घोषणा की थी। कवाडे को महाराष्ट्र के अंबेडकरवादी आंदोलन के उल्लेखनीय कार्यकर्ताओं में से एक माना जाता है।
द हिन्दू के मुताबिक वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने रविवार को कहा था कि उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ गठबंधन का कभी विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट और वीबीए के बीच प्रस्तावित गठबंधन में शामिल होने के लिए दोनों दलों का स्वागत है।
जब से महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री और विद्रोही शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अपने विद्रोह के साथ सेना को विभाजित किया और ठाकरे की त्रिपक्षीय एमवीए गठबंधन सरकार को गिरा दिया, तब से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे या यूबीटी) और आंबेडकर के वीबीए के बीच एक प्रस्तावित गठबंधन पर बातचीत चल रही है। निकाय चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है।
हालाँकि, जबकि आंबेडकर और ठाकरे के खेमे ने गठबंधन के संकेत दिए हैं लेकिन एक औपचारिक घोषणा बाकी है। एमवीए के भागीदार शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और कांग्रेस उद्धव के नए गठबंधन को लेकर अपनी राय साफ तौर पर नहीं दे रहे हैं।
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रविवार को विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिले में बोलते हुए, आंबेडकर ने स्पष्ट किया कि वह कभी भी कांग्रेस या एनसीपी के साथ गठबंधन करने के खिलाफ नहीं थे, लेकिन दोनों पार्टियों ने अतीत में वीबीए को "अस्वीकार" कर दिया था। उद्धव ठाकरे को लगता है कि उन्हें इस गठबंधन वीबीए के साथ में कांग्रेस और एनसीपी को लेना चाहिए और फिर एक औपचारिक घोषणा करनी चाहिए … यह उनका एमवीए का मुद्दा है। मैंने कहा है कि हम (वीबीए) दोनों पक्षों का स्वागत करते हैं। इसलिए, जिस दिन वे (एमवीए) इस मुद्दे पर फैसला कर लेंगे। वीबीए भी उसमें शामिल हो जाएगी।
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