जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है जिसपर विवाद होने की संभावना है। जानिए, इसने पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में आयोजित 18वें फ़िक़ही इज्तेमा कार्यक्रम में क्या कहा है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के मंच पर धार्मिक नेताओं के बीच में ही जबरदस्त विवाद हो गया। जानिए, आख़िर क्यों हंगामा मचा और धार्मिक नेता कार्यक्रम के बीच में छोड़कर चले गए।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दोनों गुट क्यों होने जा रहे हैं एक और क्या है इनका इतिहास। क्या वाकई इस संगठन ने ब्रिटिश राज का विरोध किया था और देश की आजादी की लड़ाई में कोई योगदान दिया था। पढ़ें इस संगठन की दिलचस्प कहानी।
देवबंद में आयोजित जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के जलसे के दूसरे दिन यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को खारिज कर दिया गया। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमान अपनी शरीयत में कोई दखल नामंजूर कर देगा। जमीयत के मंच से और भी कई बातें कहीं गईं।
जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मीडिया का कुछ हिस्सा तब्लीग़ी जमात के दिल्ली में पिछले महीने हुए कार्यक्रम को लेकर सांप्रदायिक नफ़रत फैला रहा है।