ट्रंप ने अपने भारत दौरे में 21 हज़ार करोड़ का सौदा भी कर लिया और भारतीय उद्यमियों को अमेरिका में निवेश करने के लिए राजी भी। लेकिन वह अमेरिका में ‘नमस्ते ट्रंप’ की चर्चा ही करेंगे।
ट्रंप को अमेरिकी कंपनियों के लिये भारत में पैसा लगाने और भारत के बाज़ार में सामान बेचने की खुली छूट चाहिए। यही भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की सबसे बड़ी बाधा है। सुनिए, क्या बोले आर्थिक मामलों के जानकार आलोक जोशी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपनी यात्रा के कुछ दिन पहले ही भारत को चेतावनी दी है और आरोप लगाया है कि दिल्ली अमेरिकी उत्पादों पर सबसे ज़्यादा टैक्स लगाता है।
आख़िर प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात मॉडल क्या है? ग़रीबी छुपाना? या ग़रीबी दूर नहीं कर ग़रीबों को ही हटा देना? ऐसा नहीं है तो अहमदाबाद में झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने के लिए लोगों को नोटिस क्यों दिया गया है? Satya Hindi