क्या राहुल गांधी और कांग्रेस के दूसरे सदस्यों को रक्षा मामलों पर बनी स्थायी संसदीय समिति की बैठक में बोलने नहीं दिया गया? कांग्रेस सदस्यों ने उन्हें उनकी बात नहीं रखने देने का आरोप लगाया और बैठक से बाहर निकल आए।
छह महीने से अधिक वक़्त तक पूर्वी लद्दाख के सीमांत इलाक़ों में भारतीय सेनाओं के साथ तनातनी के बाद चीनी सेना अब पीछे लौटेने को तैयार हो गई है। टकराव के सभी सीमांत इलाकों से दोनों देशों के सेनिक पीछे हट जाएंगे।
प्रधानमंत्री भले ही यह कहें कि 'भारत की सीमा में न कोई घुसा न ही भारत की ज़मीन पर कोई घुस कर बैठा है', राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ज़ोर देकर कहा कि चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति की वजह से भारतीय सीमा में भी घुसपैठ की है।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर चीनी सेना के भारत में घुस आने के 5 महीने बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार इस पर अपनी ही जनता से जानकारियाँ छिपाने की नीति पर चल रही है।
क्वैड की बैठक में कोई चीन से पंगा लेने को तैयार नहीं था। भाषणों का सार यही था कि ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र’ में ‘क़ानून का राज’ चलना चाहिए और समुद्री मार्ग सबके लिए खुले होने चाहिए।