दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित डॉ अमर्त्य सेन भारत में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से बहुत खुश हैं। वो बुधवार को कोलकाता पहुंचे। मीडिया से बात की। पढ़िए, क्या कहा उन्होंनेः
नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अमर्त्य सेन को आख़िर विवादित ज़मीन से विश्व भारती विश्वविद्यालय बेदखल क्यों करना चाहता है? जानिए ताज़ा नोटिस में इसने क्या कहा है।
नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अमर्त्य सेन और विश्व भारती विश्वविद्यालय का विवाद आख़िर क्या है? जानिए अमर्त्य सेन ने क्यों कहा कि विश्वविद्यालय उन्हें हटाना चाहता है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । 2024 चुनाव में मुकाबला एकतरफा नहीं होगाः अमर्त्य सेन । अमर्त्य सेन: विरोधी दलों को खारिज करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं
भारत में हाल में जिस तरह के घटनाक्रम चल रहे हैं उसको लेकर बुद्धिजीवी आगाह करते रहे हैं। अब नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने देश में ऐसे ही ख़तरनाक स्थिति की ओर इशारा किया है।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। अमर्त्य सेन : मोदी सरकार कन्फ्यूज्ड, श्रेय लेने के पागलपन से बढ़ा संकट । सेन : सरकार दुनिया में शेखी बघार रही थी, भारत को कोरोना ने जकड़ लिया
नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा है कि मोदी सरकार का ध्यान कोरोना महामारी को रोकने के बजाय अपने कामों का श्रेय लेने में रहा और इसी पागलपन की वजह से महामारी का संकट खड़ा हुआ।
क्या केंद्र सरकार के अधीन चलने वाले विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्मत्य सेन को निशाने पर ले रहे हैं?