क्या कोई आदमी खुद को सड़क किनारे एक बोरे में बंद करके फिंकवा सकता है। क्या किसी जमीन के विवाद में कुछ लोगों पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया जा सकता है? गाजियाबाद में हुए गैंगरेप में पुलिस के खुलासे के बाद यह तमाम सवाल खड़े हुए हैं। गाजियाबाद में हुए जिस गैंगरेप को दिल्ली में कुछ साल पहले हुए निर्भया गैंगरेप से भी ज्यादा जघन्य बताया जा रहा था उसे पुलिस ने पूरी तरह झूठ बताया है।
गाजियाबाद गैंगरेप: ‘महिला ने आरोपियों को फंसाने के लिए रची थी साजिश’
- उत्तर प्रदेश
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- 21 Oct, 2022
गाजियाबाद पुलिस ने कहा है कि इस मामले में जमीन का विवाद है और आरोपियों को फंसाने के लिए झूठी कहानी रची गयी। क्या है यह पूरा मामला?

पुलिस ने साफ कहा है कि इस मामले में पांच लोगों को फंसाने के लिए झूठी कहानी रची गयी।
पुलिस को 18 अक्टूबर को इस बात की सूचना मिली थी कि गाजियाबाद के आश्रम रोड पर एक महिला सड़क पर बोरे में मिली है। सूचना पर पुलिस उसे अस्पताल ले गई और शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में पांच लोगों दीनू, शाहरुख, जावेद, धोला और औरंगजेब के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि पड़ताल के बाद यह पता चला है कि इस मामले में जमीन का विवाद है और बलात्कार व अपहरण की कहानी फर्जी है।