महिला पहलवान विनेश फोगाट ने आरोप लगाया है कि उनको एशियन ओलम्पिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट खेलने से रोकने की साज़िश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि लगातार आग्रह के बावजूद उनके कोच और फिजियो को मान्यता नहीं दी जा रही है। अब उन्होंने आशंका जताई है कि उनको डोप टेस्ट में फँसाया जा सकता है और इसी वजह से उनके कोच और फिजियो को मान्यता नहीं दी जा रही है।
विनेश ने आरोप लगाया, 'बृजभूषण और उसके द्वारा बैठाया गया डमी संजय सिंह हर तरीक़े से प्रयास कर रहे हैं कि कैसे मुझे ओलम्पिक में खेलने से रोका जा सके। जो टीम के साथ कोच लगाए गए हैं वे सभी बृजभूषण और उसकी टीम के चहेते हैं, तो इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि वो मेरे मैच के दौरान मुझे मेरे पानी में कुछ मिला के न पीला दें? अगर मैं ऐसा कहूँ कि मुझे डोप में फँसाने की साजिश हो सकती है तो ग़लत नहीं होगा।'
19th अप्रैल को एशियन ओलम्पिक क्वालीफाई टूर्नामेंट शुरू होने जा रहा है। मेरे द्वारा लगातार एक महीने से भारत सरकार (SAI,TOPS) सभी से मेरे कोच और फिजियो की ACCREDITATION (मान्यता) के लिए रिक्वेस्ट की जा रही है। ACCREDITATION के बिना मेरे कोच और फिजियो का मेरे साथ कम्पटीशन ARENA में…
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) April 12, 2024
विनेश ने जिन बृजभूषण शरण सिंह का नाम लिया उनपर महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न को लेकर दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और महिला पहलवानों का पीछा करने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 15 जून को बृजभूषण के खिलाफ धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
महिला पहलवानों के जबर्दस्त विरोध के बाद बृजभूषण शरण सिंह को तो भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव से दूर कर दिया गया, लेकिन उनके क़रीबी संजय कुमार अध्यक्ष चुनाव जीत गए। बृजभूषण शरण सिंह की वजह से विवादों में रहे भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव के कुछ दिन बाद ही दिसंबर महीने में नये अध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व वाले कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया गया था।
बहरहाल, विनेश ने अब कहा है, '19 अप्रैल को एशियन ओलम्पिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट शुरू होने जा रहा है। मेरे द्वारा लगातार एक महीने से भारत सरकार (SAI, TOPS) सभी से मेरे कोच और फिजियो की मान्यता के लिए रिक्वेस्ट की जा रही है। मान्यता के बिना मेरे कोच और फिजियो का मेरे साथ कम्प्टीशन क्षेत्र में जाना संभव नहीं है। लेकिन बार-बार रिक्वेस्ट करने पर भी कहीं से भी कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। कोई भी मदद करने को तैयार नहीं है। क्या हमेशा ऐसे ही खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खेला जाता रहेगा।'
विनेश ने आरोप लगाया है,
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हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। इतने महत्वपूर्ण कम्प्टीशन से पहले ऐसे हमारे साथ मानसिक टॉर्चर कहाँ तक जायज़ है। क्या अब देश के लिए खेलने जाने से पहले भी हमारे साथ राजनीति ही होगी क्योंकि हमने यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ आवाज़ उठायी? क्या हमारे देश में ग़लत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की यही सजा है?
विनेश फोगाट, महिला पहलवान
बता दें कि बृजभूषण पर छह महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं। साक्षी और बजरंग ने दो बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट के साथ मिलकर पिछले साल उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
बड़ी मुश्किल से कोर्ट के हस्तक्षेप से एफ़आईआर दर्ज हो पाई, लेकिन गिरफ़्तारी नहीं हो पाई। उनको उनकी पार्टी से निकाला तक नहीं गया।
एक पीड़ित पहलवान की शिकायत में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने उसे अपने कमरे में बुलाया, उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उसकी सहमति के बिना उसे जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहे।
दूसरी महिला पहलवानों ने भी यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई घटनाओं में छेड़छाड़, ग़लत तरीक़े से छूने और शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया है। आरोप लगाया गया है कि इस तरह के यौन उत्पीड़न टूर्नामेंट के दौरान, वार्म-अप और यहाँ तक कि नई दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में भी किया गया। उन्होंने कहा है कि साँस जाँचने के बहाने उनकी छाती और नाभि को ग़लत तरीक़े से पकड़ा गया था।
एक समय पूरे देश को झकझोर देने वाले महिला पहलवानों के ऐसे आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा! सितंबर महीने में उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर चेता दिया था कि उनका टिकट काटने की हिम्मत किसी में नहीं है। उन्होंने कहा था, 'कौन काट रहा है, उसका नाम बताओ। काटोगे आप? ...काटोगे? ....काट पाओ तो काट लेना।'
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