स्वर्ण पदक के लिये अंतिम मुक़ाबला तो और भी दिलचस्प हो गया। टिटमस ने शुरू से ही बढ़त ली और स्वर्ण पदक 3.57.49 सेकंड से जीता जबकि समर ने अंतिम क्षणों में लेडेकी को पीछे छोड़ 3.58.37 के साथ रजत पदक जीता। लेडेकी 4.02.46 के साथ तीसरे स्थान पर आयीं। एक सम्राज्ञी के बिदाई के क्षण निकट आ गये हैं।
तैराकी से निकलकर अब यदि हम हमारी बात करें तो भारत को टोक्यो ओलंपिक खेलों में अपने 7 पदकों की संख्या में सुधार की उम्मीद है। हमने पेरिस ओलंपिक खेलों में 117 सदस्यीय दल भेजा है। पदकों के लिए भारत की नज़र एनी खेलों के साथ बैडमिंटन पर टिकी रहेगी। कुश्ती ओलंपिक में भारत के लिए एक और मजबूत खेल रहा है। इसने हॉकी के बाद भारत के लिए दूसरा सबसे ज़्यादा ओलंपिक पदक जीते हैं, लेकिन पिछले दिनों कुश्ती की मेट से ज़्यादा मैदान के बाहर की गतिविधियों के कारण ज़्यादा चर्चा में रहा है। साक्षी मलिक जैसी खिलाड़ी टीम में नहीं है।
पेरिस की बात करें तो नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, लक्ष्य सेन, पीवी सिंधु, पुरुष हॉकी टीम, विनेश फोगट और निखत ज़रीन भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीदों में से हैं। मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन और भारोत्तोलक मीराबाई चानू से भी टोक्यो में अपने प्रदर्शन को दोहराने और लगातार दूसरा पदक जीतने की उम्मीद है, पीवी सिंधु यदि मेडल जीतती है तो लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय बन जाएँगी।
पीवी सिंधु के साथ ही बैडमिंटन में डबल्स मुक़ाबले में सात्विक और चिराग़ से भी मेडल की उम्मीद है। सात्विक और चिराग़ ने अपने पहले दौर के मैच में कोरवी और रोनन लाबर की फ्रांसीसी जोड़ी पर सीधे गेम में आसान जीत दर्ज की (21-17 और 21-14)। सात्विक और चिराग का सामना सोमवार को टूर्नामेंट के दूसरे दौर में जर्मनी के मार्क लैम्सफस और मार्विन सेडेल से होगा।
भारतीय हॉकी टीम के लिए सफर आसान नहीं होने वाला है, क्योंकि उन्हें हॉकी के दिग्गज बेल्जियम (विश्व नंबर 2), ऑस्ट्रेलिया (विश्व नंबर 3), अर्जेंटीना (विश्व नंबर 7), न्यूजीलैंड (विश्व नंबर 10) और आयरलैंड (विश्व नंबर 11) के साथ पूल बी में रखा गया है। आज न्यूज़ीलैंड को एक रोमांचक मैच में 3-2 से पराजित कर भारत ने बेहतरीन शुरुआत की है। आज टीम ने दिखा दिया कि तनाव के क्षणों में वे आसानी से टूटेंगे नहीं। इस तैयारी का एक कारण खिलाड़ियों की मानसिक रूप से तैयार करने के लिए स्विट्जरलैंड में प्रसिद्ध एडवेंचरर माइक हॉर्न के बेस में तीन दिवसीय कठिन प्रशिक्षण शिविर भी है। दक्षिण अफ्रीकी मानसिक कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन को टीम से जोड़ कर हॉकी इंडिया ने बेहतरीन काम किया है। अप्टन ने कभी भारत की क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के साथ भी काम किया था।
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