कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में मीराबाई चानू ने भारोत्तोलन में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक हासिल किया। वह शनिवार को बर्मिंघम में महिलाओं की 49 किलोग्राम भारोत्तोलन स्पर्धा में पहले स्थान पर रहीं।
इस स्पर्धा में उनसे देश को पदक की उम्मीद पहले से ही थी। उन्होंने पहले भी कॉमनवेल्थ गेम्स और यहाँ तक कि टोक्यो ओलंपिक में भी पदक जीता था। बहरहाल, इस कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने पर भारत के खेल प्राधिकरण यानी साई ने कहा है कि मीराबाई ने कुल मिलकार 201 किलोग्राम का वजन उठाया और वह पहले स्थान पर रहीं।
MIRABAI WINS GOLD 🥇@mirabai_chanu wins 1️⃣st Gold & 3️⃣rd Medal for 🇮🇳 at @birminghamcg22 🤩🤩 & her 3rd consecutive medal at CWG: 2 🥇1 🥈
— SAI Media (@Media_SAI) July 30, 2022
The Confident Mira lifted a total of 201 Kg (GR) in the Women's 49kg Finals🏋♂️ at #B2022
Snatch- 88kg (GR)
Clean & Jerk- 113kg (GR)
1/1 pic.twitter.com/kI56gxxIqg
मीराबाई ने अपने राष्ट्रमंडल खेलों के ताज का बचाव तो किया ही, 201 किग्रा भार उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों के भारोत्तोलन रिकॉर्ड को भी तोड़ा। चानू ने गोल्डकोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में स्वर्ण पदक जीता था।
मीराबाई चानू ने इस कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला गोल्ड और कोई तीसरा पदक जीता। इसमें संकेत सरगर ने पुरुषों के 55 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता और पी गुरुराजा ने पुरुषों के 61 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता है। चानू का यह पदक इस बार लगातार तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में पदक है।
चानू 49 किग्रा में स्वर्ण जीतने की प्रबल दावेदार थीं क्योंकि उनका रिकॉर्ड सभी में सर्वश्रेष्ठ था। टोक्यो में उनकी 203 किग्रा की संयुक्त लिफ्ट से वह इस इवेंट के लिए क्वालीफाई की थीं और उनके बाद आने वाली सर्वश्रेष्ठ क्वालीफायर, नाइजीरिया के स्टेला पीटर किंग्सले से 35 किग्रा बेहतर था।
इस कॉमनवेल्थ में जिस इवेंट में मीराबाई ने गोल्ड जीता उसमें मॉरीशस की मैरी हनीत्रा रोइल्या रानाइवोसोआ (172 किग्रा) ने रजत पदक और कनाडा की हन्ना कमिंसकी (171 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता।
मीराबाई भारत में मौजूदा उत्कृष्ट भारोत्तोलकों में से एक हैं। इस कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में 2014 में रजत और 2018 में स्वर्ण पदक जीता था।
उन्होंने 2017 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था, कई राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप पदक और एक एशियाई चैंपियनशिप पदक भी जीता।
उनके करियर का मुख्य आकर्षण पिछले साल टोक्यो में आया जब वह ओलंपिक खेलों में भारोत्तोलन में भारत की पहली रजत पदक विजेता बनीं। उन्होंने सिडनी 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी द्वारा जीते गए कांस्य पदक से एक पायदन ऊपर छलांग लगाई।
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