यदि आपको पैसे तो पूरे मिलें, लेकिन काम नहीं करने को कहा जाए तो कैसा लगेगा? इंडियन प्रीमियम लीग के इस सीज़न में कई टीमों के कई खिलाड़ियों के साथ ऐसा ही होने जा रहा है। है न मजेदार तथ्य!
बात करते हैं चेन्नई सुपर किंग्स यानी सीएसके की। महेंद्र सिंह धोनी, रवींद्र जडेजा और सुरेश रैना को इस टीम का खेवनहार माना जाता रहा है।
लेकिन आईपीएल का पिछला सीज़न सीएसके के लिए बेहद बुरा रहा। टीम प्रबंधन ने मोईन अली और ऋतुराज गायकवाड़ जैसे खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया।
लेकिन कुछ खिलाड़ियों को टीम में होने और पूरे पैसे मिलने के बावजूद ज़्यादातर समय बेंच पर रहना होगा, यानी खाली बैठना होगा, उन्हें खिलाया नहीं जाएगा।
नारायण जगदीशन
नारायण जगदीशन बहुत ही अच्छे विकेटकीपर हैं और उन्हें 2018 में टीम में शामिल किया गया। वह धुआँधार बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। उन्हें महेंद्र सिंह धोनी के विकल्प के रूप में टीम में लाया गया। उन्हें पिछले साल बल्लेबाजी का मौका मिला, लेकिन ट्रेंट बोल्ड ने जिस तरह क़हर बरपाया था, जगदीशन समेत किसी की नहीं चली।
जगदीशन निश्चित तौर पर अच्छे विकेटकीपर हैं, लेकिन जब तक धोनी टीम में हैं, जगदीशन को मौका मिलना मुश्किल है। धोनी फिलहाल टीम में हैं।
कर्ण शर्मा
उत्तर प्रदेश के कर्ण शर्मा घरेलू क्रिकेट में लोकप्रिय हैं, लेकिन उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका नहीं मिला है। उन्हें एसआरएच यानी सनराइज़र्स हैदराबाद ने 2014 की नीलामी में खरीदा था। बाद में वे मुंबई इंडियन्स चले गए।
कर्ण शर्मा ने एसआरएच की ओर से 11 मैचों में 13 विकेट झटके, उनकी इकॉनमी रेट 6.60 रही। वह 2018 में सीएसके में आए और तब से उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। उन्होंने उस सीज़न में छह विकेट लिए, लेकिन उन्हें बैक अप स्पिनर के रूप में टीम में रखा गया।
सीएसके में ऑल रॉउंडर मोईन अली के आने के बाद से कर्ण शर्मा को इस बार बहुत अधिक मौके मिलने की संभावना कम है।
मिशेल सैंटनर
न्यूज़ीलैंड के मिशेल सैंटनर को डैनियल वेटोरी की जगह सीएसके की टीम में लाया गया। उन्होंने छह मैच खेले हैं। वह काफी तेज़ी से रन बना सकते हैं। उन्होंने 52 टी20 मैचों में 126.89 रन बनाए हैं। वह 7.38 की इकॉनमी रेट से गेंदबाजी भी करते हैं।
लेकिन उनकी टीम में रवींद्र जडेजा तो पहले से ही हैं, अब मोईन अली को भी शामिल किया गया है। इन दोनों तेज़ तर्रार ऑल राउंडर के टीम में रहते मिशेल सैंटनर को अधिक मौके मिलने की संभावना कम है।
है न दिलचस्प जानकारी। आप काम किए बगैर पैसे और तमाम सुविधाएं भी पाते हैं। लेकिन क्रिकेट खेलने वाले को खेलने को ही न मिले, तो यह बात चुभती है। इन तीन खिलाड़ियों को इस पीड़ा से गुजरना पड़ सकता है।
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