आईओए यानी भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष पीटी उषा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पहले तो उनपर गड़बड़ी के आरोप लगाए गए। और अब आईओए में उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी है।
भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनने के दो साल से भी कम समय बाद पीटी उषा को 25 अक्टूबर को होने वाली विशेष आम बैठक के दौरान अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है। द इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आईओए कथित संवैधानिक उल्लंघनों और भारतीय खेलों के लिए संभावित रूप से नुक़सानदेह कार्यों के मद्देनजर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और विचार करेगा। हालाँकि, पीटी उषा ने 25 अक्टूबर को बुलाई गई विशेष आम बैठक को अवैध घोषित किया है।
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इस बीच पीटी उषा ने पात्रता मानदंडों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए कई कार्यकारी परिषद सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनके विरोधियों ने उषा पर ज़्यादती का आरोप लगाया है। पेरिस ओलंपिक में हॉस्पिटैलिटी लाउंज के लिए रिलायंस के साथ अनुबंध के बारे में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी सीएजी ने भी उनसे पूछताछ की है। सीएजी ने आरोप लगाया है कि रिलायंस को 'अनुचित लाभ' दिया गया और पीटी उषा द्वारा लिए गए निर्णयों के कारण आईओए को 24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उषा ने इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया है।
गड़बड़ी के क्या आरोप लगे
स्पॉन्सरशिप डील में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार आईओए के कोषाध्यक्ष सहदेव यादव ने सीएजी की एक रिपोर्ट में रिलायंस इंडिया लिमिटेड यानी आरआईएल के साथ स्पॉन्सरशिप डील में गड़बड़ी के कारण 24 करोड़ रुपए के नुक़सान की बात कही थी। पीटी ऊषा ने मंगलवार को रिलायंस इंडिया लिमिटेड के साथ स्पॉन्सरशिप में अनियमितता बरतने के दावों को ख़ारिज कर दिया है।
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बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अगस्त 2022 को हुए स्पॉन्सरशिप समझौते की शर्तों के अनुसार, आरआईएल को एशियन गेम्स (2022, 2026), कॉमनवेल्थ गेम्स (2022, 2026), 2024 पेरिस ओलंपिक और 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में आधिकारिक रूप से आईओए के साथ प्रमुख साझेदार की अनुमति दी गई थी।
लेकिन पाँच दिसंबर 2023 को कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि समझौते में संशोधन करके आरआईएल को विंटर गेम्स (2026, 2030) और यूथ ओलंपिक गेम्स (2026, 2030) के अतिरिक्त अधिकार भी सौंप दिए गए थे।
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