विनेश फोगाट को पदक नहीं मिला। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी सीएएस के एड हॉक डिवीजन ने फोगाट की अपील खारिज कर दी। सीएएस द्वारा यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के खिलाफ उनकी अपील खारिज किए जाने के बाद पहलवान की ओलंपिक रजत पदक जीतने की उम्मीद ख़त्म हो गई है।
सीएएस ने बुधवार को अपने एक लाइन के आदेश में कहा, 'विनेश फोगाट द्वारा 7 अगस्त 2024 को दायर आवेदन खारिज किया जाता है।' आने वाले दिनों में विस्तृत आदेश आने की उम्मीद है। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा है कि वह 'हैरान और निराश' हैं। एक बयान में कहा गया है कि आईओए 'आगे के कानूनी विकल्पों' की तलाश कर रहा है।
विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती के फाइनल की सुबह वजन सीमा से अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वजन मापने के दौरान उनका वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया था।
बहरहाल, सीएएस के इस फ़ैसले का मतलब है कि भारत पेरिस ओलंपिक में अपना 7वां पदक नहीं जीत पाएगा क्योंकि खेल पंचाट न्यायालय ने विनेश फोगाट की साझा रजत पदक की अपील को खारिज कर दिया है। सीएएस को संबंधित खेल महासंघों, संघों या लीगों के नियमों और विनियमों की सख्त पालना के लिए जाना जाता है।
हालांकि, पिछले शनिवार को दो बार स्थगित होने के बाद मंगलवार को परिणाम सार्वजनिक होने की उम्मीद थी, फिर इसे फिर से शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया। आखिरकार, बुधवार शाम को इसे फोगाट के साथ साझा किया गया।
आईओए ने कहा, '100 ग्राम की मामूली विसंगति और उसके परिणामस्वरूप होने वाले परिणामों का न केवल विनेश के करियर पर गहरा प्रभाव पड़ता है, बल्कि अस्पष्ट नियमों और उनकी व्याख्या पर भी गंभीर सवाल उठते हैं।' आईओए के प्रतिनिधियों, हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया ने तर्क दिया था कि 'दो दिनों में से दूसरे दिन इस तरह के वजन उल्लंघन के लिए एक एथलीट को अयोग्य ठहराना गहन जांच की मांग करता है'।
वकीलों ने तर्क दिया कि मंगलवार शाम को वजन बढ़ना शरीर की प्राकृतिक रिकवरी प्रक्रिया के कारण था और यह एथलीट का मौलिक अधिकार है कि वह अपने शरीर का ध्यान रखे। उन्होंने तर्क दिया कि प्रतियोगिता के पहले दिन उसका शरीर का वजन निर्धारित सीमा से कम था, और वजन बढ़ना केवल रिकवरी के कारण हुआ और यह कोई धोखाधड़ी नहीं है।
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