'रंग दे बसंती' फ़िल्म के एक्टर सिद्धार्थ ने बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल से माफी मांग ली है। साइना के ट्वीट पर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद विवाद हो गया था। सोशल मीडिया पर तो उनकी आलोचना हुई ही थी, इसके वायरल होने पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने सिद्धार्थ को नोटिस जारी किया था। इसने महाराष्ट्र सरकार को भी कहा था कि इस मामले की जाँच कर एफ़आईआर दर्ज की जाए।
इस मामले में अब सिद्धार्थ ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया है और लिखा है कि उन्हें खेद है कि उनके शब्द को ग़लत अर्थ में लिया गया। उन्होंने लिखा, 'मैं मेरे भद्दे मज़ाक़ के लिए आपसे माफी मांगना चाहता हूँ जिसे मैंने कुछ दिन पहले आपके एक ट्वीट के जवाब में लिखा था।'
Dear @NSaina pic.twitter.com/plkqxVKVxY
— Siddharth (@Actor_Siddharth) January 11, 2022
उन्होंने आगे लिखा है कि 'मैं आपसे कई मामलों में असहमत हो सकता हूं लेकिन आपके ट्वीट को पढ़ते हुए मेरी हताशा और ग़ुस्सा मेरे शब्दों और उसके टोन यानी लहजे को सही नहीं ठहरा सकते'। उन्होंने अपने बयान में यह भी लिखा है कि वह भी एक फेमिनिस्ट यानी महिलावादी हैं और उनके 'ट्वीट में न तो महिला विरोधी बात कही गई थी और न ही महिला के तौर पर आप पर हमला करने का इरादा था'।
सिद्धार्थ ने आगे लिखा है कि 'मुझे उम्मीद है कि आप इसको भूल जाएँगी और मेरे पत्र को स्वीकार करेंगी। आप हमेशा मेरी चैंपियन रहेंगी।'
इस पर प्रतिक्रिया में साइना नेहवाल ने कहा है कि वह खुश हैं कि सिद्धार्थ ने माफी मांग ली है।
'रंग दे बसंती' फ़िल्म में आमिर ख़ान के साथ नज़र आए सिद्धार्थ ने ट्वीट में लिखा, '... चैंपियन ऑफ़ द वर्ल्ड... शुक्र है कि हमारे पास भारत के रक्षक हैं। धिक्कार है रिहाना।'
सिद्धार्थ के ट्वीट में इस्तेमाल किए गए एक शब्द को आपत्तिजनक कहा गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके ट्वीट की आलोचना की थी।
प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सिद्धार्थ के ट्वीट पर आलोचना की। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'किसी के लिए भी इस्तेमाल करने के लिए बिल्कुल अस्वीकार्य और अशोभनीय भाषा। असहमति कैसी भी हो, बातचीत में शिष्टता होनी चाहिए।'
खुशबू सुंदर ने ट्वीट किया, 'सिड आप एक दोस्त हैं लेकिन निश्चित रूप से आपसे यह उम्मीद नहीं थी। यह बहुत बकवास है। मुझे यकीन है कि अंकल और आंटी को आप पर गर्व नहीं होगा। किसी व्यक्ति के प्रति अपनी घृणा न रखें।'
इस बीच सिद्धार्थ ने सफाई जारी की थी। उन्होंने ट्वीट में कहा था कि उनका संदर्भ दूसरा था। उन्होंने दावा किया था कि इसे अन्यथा लेना अनुचित है और इसका कुछ दूसरा मतलब निकलेगा! उन्होंने सफ़ाई में यह भी कहा था कि उनका न तो इरादा कुछ भी अपमानजनक था और न ही ऐसा कहा या संकेत दिया गया।
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