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जब वानखेड़े उगाही के प्रयास में थे तो मीडिया के 'निशाने' पर आर्यन क्यों थे?

जब बड़े-बड़े मीडिया समूहों से जुड़े कई पत्रकारों ने यह ख़बर दी कि सीबीआई ने आर्यन ख़ान मामले में 25 करोड़ वसूलने के लिए समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है तो ये पत्रकार ही निशाने पर आ गए। ये वे पत्रकार हैं जो तब तत्कालीन एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की ओर से दी जा रही सूचनाओं को सूत्रों के हवाले से बिना जाँचे ही परोस रहे थे और इससे शाहरूख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही थीं। सूत्रों से आई ऐसी ही ख़बरों के आधार पर आर्यन ख़ान को 'ड्रग्स पेडलर' से लेकर 'नशाखोर' और न जाने ऐसे कितने आरोप लगाए गए थे, उनके अभिभावकों को तहजीब सिखाने की नसीहत दी जा रही थी। लेकिन ये सारे सूत्र और ऐसे आरोप अब ख़ारिज हो गए हैं। 

जिन सूत्रों के आधार पर ये कुछ पत्रकार और मीडिया समूह दिन-रात ख़बरें चला रहे थे अब वही सूत्र बड़े आरोपों में फँस गया है। सीबीआई ने एफ़आईआर दर्ज की है। भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। आर्यन को पैसे वसूलने के लिए फँसाया गया था। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को ड्रग्स मामले में अपने बेटे आर्यन खान को बचाने के लिए 25 करोड़ रुपये का भुगतान करने की धमकी दी गई थी। 

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यह वह मामला है जिसमें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी मुंबई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की टीम ने अक्टूबर 2021 में आर्यन ख़ान को 15 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने दावा किया था कि उसने कॉर्डेलिया क्रूज पर एक रेव पार्टी पर छापा मार कर 13 ग्राम कोकीन, 21 ग्राम चरस, 22 ग्राम एमडीएमए पाँच ग्राम एमडी बरामद किए थे। इसी ड्रग्स मामले में एनसीबी ने आर्यन और दूसरे लोगों को गिरफ़्तार किया था। आर्यन ख़ान पर प्रतिबंधित नशीले पदार्थ खरीदने, रखने और उनका इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए थे। 

आर्यन ख़ान 3 हफ़्ते से ज़्यादा समय तक जेल में रहे थे। इस दौरान दो बार उनकी ज़मानत याचिका खारिज की गई थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2021 में 28 अक्टूबर को उनको जमानत दी थी। आर्यन खान को मई 2022 में एंटी-ड्रग्स एजेंसी द्वारा पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। बाद में कोर्ट ने भी उन्हें बरी कर दिया था।

और अब जब सीबीआई द्वारा उस समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ कार्रवाई की ख़बर को पत्रकारों ने पेश किया तो सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें निशाने पर ले लिया। सोशल मीडिया पर सुधीर चौधरी के कार्यक्रमों की क्लिप को भी साझा किया गया है। तब वह ज़ी न्यूज़ में डीएनए कार्यक्रम करते थे। उसमें वह कहते सुने जा सकते हैं कैसे 'बॉलीवुड ड्रग्स के नशे में डूबा हुआ है'। 

सुधीर चौधरी उस पुरानी क्लिप में कहते सुने जा सकते हैं, '22 साल की अनन्या पांडे और 23 साल के आर्यन ख़ान अपने स्कूल के समय से ही दोस्त रहे हैं। यानी इस ड्रग्स केस में आर्यन ख़ान का जो ग्रुप मिला है वो सारे लोग ऐसे हैं जो एक ही स्कूल में एक साथ पढ़ते थे। आज हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आख़िर बॉलीवुड को नशे की कौन सी लत लग गई कि चाहे किसी बॉलीवुड स्टार की बात हो या स्टार के बच्चे की। सबका नाम एक एक करके ड्रग्स केस में आता चला जा रहा है। ...बॉलीवुड में आख़िर ऐसा क्या है कि सारे लोग ड्रग्स का सेवन करते हैं? ....उनके बच्चे भी ड्रग्स ले रहे हैं।'

हालाँकि, अब जब आर्यन को क्लीनचिट मिल चुकी है और सीबीआई समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है तो यही सुधीर चौधरी अब इसकी रिपोर्टिंग अलग तरह से करते दिख रहे हैं। वह कहते हैं, 'जिस समय आर्यन ख़ान को ड्रग्स केस में गिरफ़्तार किया गया था उस समय उनकी उम्र सिर्फ़ 23 साल थी। आज आप अंदाजा लगाइए कि इस उम्र के किसी भी लड़के या लड़की को पैसे के लालच में ड्रग्स के मामले में फँसा कर यदि जेल भेज दिया जाए तो उसके माता-पिता पर क्या बितेगी! आज शाहरूख ख़ान की तारीफ़ करनी होगी कि इतनी बड़ी नाइंसाफ़ी के बाद भी शाहरूख ख़ान या उनके परिवार ने कभी भी सार्वजनिक मंच से कोई शिकायत नहीं की....। यह मामला एक परफेक्ट केस स्टडी की तरह है कैसे सरकारी अफसर अपने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार करते हैं और किसी को भी फँसा सकते हैं।' 

ऐसे ही एक ट्वीट के लिए इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार शिव अरूर को निशाना बनाया गया है। अरूर ने ट्वीट किया है, "2021 केस के दौरान आर्यन खान के साथ सेल्फी लेने वाला ये शख्स याद है? सीबीआई की प्राथमिकी में अब कहा गया है कि इस 'स्वतंत्र गवाह' केपी गोसावी ने समीर वानखेड़े की मदद से शाहरुख खान को धमकाया और 25 करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश की।"

शिव अरूर के इस ट्वीट की प्रतिक्रिया में मुहम्मद ज़ुबैर ने इंडिया टुडे न्यूज़ चैनल का हिंदी चैनल आज तक के थमनेल के कुछ स्क्रीनशॉट साझा किए हैं जिसमें तब आर्यन ख़ान को 'निशाना बनाने वाली' ख़बरों की रिपोर्टिंग को प्रमुखता से उठाया गया था। बता दें कि अक्टूबर 2021 में जब यह मामला आया था तब मुख्यधारा के मीडिया को इसके लिए आलोचना की जा रही थी कि तथ्यात्मक रिपोर्टिंग नहीं की जा रही थी और एनसीबी अधिकारियों के हवाले से ही सूत्रों के आधार पर बिना जाँचे-परखे ही निशाना बनाया जा रहा था। 

यू-ट्यूबर और तमिलनाडु में नफ़रत फैलाने के मामले में गिरफ़्तार मनीष कश्यप के एक वीडियो को भी अब शेयर किया जा रहा है जिसमें उसने समीर वानखेड़े का इंटरव्यू लिया था और उसमें वह वानखेड़े को 'सबसे ईमानदार अधिकारी' बता रहा था और गिरफ़्तार किए गए लोगों के लिए नशेड़ी, चरसी जैसे शब्द इस्तेमाल कर रहा था। 

बता दें कि अब इसी समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि स्वतंत्र गवाह बनाए गए केपी गोसावी ने कथित तौर पर एनसीबी के तत्कालीन जोनल निदेशक समीर वानखेड़े की ओर से शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश की। यह वही केपी गोसावी है जिसकी आर्यन खान के साथ सेल्फी वायरल हुई थी और इस मामले में एनसीबी अधिकारी फँसते चले गए थे।

सीबीआई ने इस मामले में 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े, एनसीबी के अधीक्षक वीवी सिंह और आर्यन खान ड्रग्स मामले में तत्कालीन जांच अधिकारी आशीष रंजन को केपी गोसावी और उनके सहयोगी डिसूजा के साथ आरोपी बनाया है। सीबीआई के मुताबिक, वानखेड़े और अन्य ने आर्यन खान को ड्रग भंडाफोड़ मामले में नहीं फँसाने के लिए कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। समीर वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया। जांच एजेंसी ने वानखेड़े के परिसरों की तलाशी भी ली थी। सीबीआई मुंबई एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के अलावा तीन अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। 

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एफ़आईआर में कहा गया है, 'समीर वानखेड़े ने एनसीबी के तत्कालीन जोनल निदेशक के रूप में और तत्काल पर्यवेक्षी अधिकारी की हैसियत से, केपी गोसावी और प्रभाकर सेल को आरोपी के खिलाफ कार्यवाही में स्वतंत्र गवाह के रूप में लेने का निर्देश दिया था। वी.वी. सिंह ने केपी गोसावी को एनसीबी कार्यालय ले जाते समय आरोपी को संभालने के लिए दे दिया और इस तरह केपी गोसावी और अन्य को खुली छूट दी ताकि केपी गोसावी के पास आरोपी की कस्टडी होने और उसे एनसीबी मुंबई कार्यालय की ओर ले जाने और घसीटने की ऐसी दृश्य वाली धारणा बनाई जा सके।'

प्राथमिकी के अनुसार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी के विशेष जांच दल यानी एसईटी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्तियों को स्वतंत्र गवाह केपी गोसावी के निजी वाहन में एनसीबी कार्यालय लाया गया था।

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एफ़आईआर में कहा गया है, 'ऐसा लगता है कि आरोपी व्यक्तियों के आसपास स्वतंत्र गवाह केपी गोसावी की उपस्थिति जानबूझकर इस तरह से बनाई गई थी ताकि यह आभास दिया जा सके कि केपी गोसावी एक एनसीबी कर्मी थे। स्वतंत्र गवाह केपी गोसावी को आरोपी व्यक्तियों के साथ उपस्थित होने की अनुमति दी गई थी और यहां तक कि छापे के बाद एनसीबी कार्यालय में आने की अनुमति दी गई थी, जो एक स्वतंत्र गवाह के लिए मानदंडों के खिलाफ है।' इसमें कहा गया है कि इस तरह केपी गोसावी ने आजादी ली और सेल्फी क्लिक की और एक आरोपी का वॉयस नोट रिकॉर्ड किया।

आर्यन खान के साथ केपी गोसावी की सेल्फी वायरल हो गई थी जिसे उसने तब क्लिक किया था जब आर्यन एनसीबी अधिकारियों की हिरासत में थे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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