पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने के लिए जद्दोजहद कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मोगा में एक और बड़ा एलान किया। केजरीवाल ने कहा है कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो हर घर की हर महिला (18 साल से ऊपर) को हर महीने 1 हज़ार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह रकम महिलाओं के बैंक अकाउंट में ट्रांसफ़र की जाएगी।
केजरीवाल ने बात को और साफ करते हुए एलान किया कि जिन वृद्ध महिलाओं को बुढ़ापा पेंशन मिल रही है, उन्हें पेंशन के अलावा यह पैसे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम होगा।
हालांकि केजरीवाल ने कहा है कि पैसे का इंतजाम उनकी सरकार करेगी और वह हवा में बात नहीं करते। लेकिन यहां एक सवाल भी है। 2011 की जनगणना के मुताबिक़, पंजाब की आबादी 2.77 करोड़ थी, जिसमें पुरुषों की आबादी 1. 46 करोड़ और महिलाओं की आबादी 1.31 करोड़ है। इतनी महिलाओं को हर महीने 1 हज़ार रुपये देने में भारी-भरकम ख़र्च आएगा, ऐसे में सरकार बनने पर यह वादा कैसे पूरा होगा, यह एक बड़ा सवाल है।
केजरीवाल ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को नकली केजरीवाल बताया और कहा कि वह जो भी वादा करते हैं, नकली केजरीवाल अगले दिन वही वादा कर देते हैं।
पहले भी किए बड़े वादे
केजरीवाल इससे पहले भी पंजाब के लिए कई बड़े एलान कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर राज्य के हर परिवार को हर महीने 300 यूनिट तक ‘मुफ़्त बिजली’ मिलेगी। पुराने बकाया बिलों को माफ़ करने और जिन लोगों के कनेक्शन काट दिए गए हैं, उन्हें बहाल करने व 24 घंटे बिजली देने का वादा भी केजरीवाल पंजाब के लोगों से कर चुके हैं।
अन्ना आंदोलन के बाद जब केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई थी और 2013 में दिल्ली के विधानसभा चुनाव में उतरे थे तो ‘बिजली हाफ़, पानी माफ़’ का नारा दिया था। केजरीवाल ने बिजली कंपनियों से लड़-भिड़कर ‘बिजली हाफ़, पानी माफ़’ के इस वायदे को लागू करके दिखाया और लोग तब हैरान रह गए जब उनके वहां बिजली के बिल शून्य आने लगे। ये शून्य बिल सोशल मीडिया के जरिये देश भर में चर्चा का विषय बन गए थे।
केजरीवाल दिल्ली से बाहर आम आदमी पार्टी के विस्तार के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इसमें भी उनका फ़ोकस पंजाब पर ज़्यादा है। उत्तराखंड और गोवा में भी वह पूरी ताक़त लगा रहे हैं।
चेहरा घोषित नहीं कर रहे केजरीवाल
कांग्रेस ने दलित सिख समुदाय से आने वाले चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा दांव खेला है। ऐसे में केजरीवाल दलित सिख वर्ग से या फिर जट्ट सिख वर्ग के किस नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाएंगे, इस पर सभी की नज़रें लगी हैं। केजरीवाल एलान कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार सिख समुदाय से ही होगा।
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