सोमवार को असम और पश्चिम बंगाल में मतदाता बड़ी संख्या में घरों से निकले और बंपर मतदान किया। असम में आज तीसरे और अंतिम चरण का मतदान था जबकि बंगाल में अभी पांच चरण का मतदान बाक़ी है। इसके अलावा तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में आज एक ही चरण में मतदान का कार्यक्रम संपन्न हो गया। तमिलनाडु में 234, केरल में 140 और पुडुचेरी में 30 सीटों के लिए मतदान हुआ। आज कुल 750 से ज़्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ। सभी राज्यों के चुनाव नतीजे 2 मई को आएंगे।
पश्चिम बंगाल में इस चरण में 31 सीटों पर जबकि असम में 40 सीटों पर मतदान हुआ। बंगाल में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। बंगाल में 77.68% और असम में 82.33% मतदान हुआ।
टीएमसी नेता के घर मिलीं ईवीएम
बंगाल में टीएमसी के नेता के घर से 4 ईवीएम और 4 वीवीपैट मशीन मिलने का मामला दिन भर गर्म रहा। टीएमसी नेता के वहां ये ईवीएम और वीवीपैट एक पोलिंग अफ़सर ने रखे थे, जो उनका रिश्तेदार है। पोलिंग अफ़सर रात को रिश्तेदार के घर पर ही रुका था। मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने इस पोलिंग अफ़सर को सस्पेंड कर दिया। इस मामले में एफ़आईआर भी दर्ज कर ली गई है।
मामला सामने आने के तुरंत बाद बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सामने आए और इसकी जांच कराने की मांग की। एएनआई के मुताबिक़, जावड़ेकर ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला इसलिए है क्योंकि आज ही मतदान भी हो रहा है और जितना बड़ा यह मामला लग रहा है, यह उससे ज़्यादा बड़ा हो सकता है।
सुजाता मंडल पर हमला
टीएमसी उम्मीदवार सुजाता मंडल ने आरोप लगाया कि उन पर ईंटों से हमला किया गया। टीएमसी ने सुजाता मंडल पर हुए हमले का वीडियो भी जारी किया। टीएमसी ने कहा कि बीजेपी के गुंडे सुजाता मंडल को गाली दे रहे हैं और उन्हें धमकी भी दे रहे हैं।
असम
असम में इस चरण में बोडोलैंड के इलाक़े, बराक वैली और निचले असम के कुछ हिस्सों में मतदान हुआ। असम में पूरे दिन कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला और लगभग सभी जगहों पर लोग मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लाइनों में खड़े दिखे। जिन मतदाताओं के पास मास्क नहीं थे, उन्हें मास्क पहनाए गए। ये सीटें निचले असम और बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन में स्थित हैं। यह देखना अहम रहेगा कि बोडो नस्ल के मतदाताओं ने किसे वोट दिया है। असम में कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी गठबंधन के बीच कड़ा मुक़ाबला है।
तमिलनाडु
तमिलनाडु में भी चुनाव शांतिपूर्ण रहा। तमिलनाडु में कुल 65.19% मतदाताओं ने वोट डाले। तमिलनाडु में इस बार का चुनाव दक्षिण की राजनीति के दो बड़े दिग्गजों जयललिता और करूणानिधि के बिना हुआ और इनकी जगह क्रमश: मुख्यमंत्री ई. पलानिस्वामी (ईपीएस) और डीएमके प्रमुख स्टालिन आमने-सामने रहे। पलानिस्वामी ने एआईएडीएमके की तो स्टालिन ने डीएमके की चुनावी कमान संभाली। 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके और डीएमके के बीच कड़ी टक्कर रही थी। तब एआईएडीएमके को 135 और डीएमके को 88 सीटें मिली थीं। मशहूर फ़िल्म अभिनेता कमल हासन ने भी अपनी मक्कल निधि मय्यम पार्टी के बैनर तले उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा।
केरल
केरल में 70.29% लोगों ने वोट डाले। इस बार भी मुक़ाबला मार्क्सवादियों के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच रहा। राहुल गांधी ने यूडीएफ के लिए पूरा जोर लगाया तो मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एलडीएफ के लिए ताक़त झोंकी। कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और पूर्व गृह मंत्री रमेश चेन्निथला मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं और इनके बीच गुटबाजी दिखाई दी। केरल में यूडीएफ की हार होने से कांग्रेस को झटका लगेगा।
पुडुचेरी
पुडुचेरी में 78.90% लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के कई विधायकों के इस्तीफ़ा देने के कारण राज्य की वी. नारायणसामी सरकार को जाना पड़ा था। पुडुचेरी में मुक़ाबला कांग्रेस-डीएमके के गठबंधन और एनडीए के बीच है। एनडीए में एआईएडीएमके, बीजेपी और ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस शामिल हैं। कांग्रेस-डीएमके के गठबंधन में वीसीके और सीपीआई भी शामिल हैं। 2016 में कांग्रेस सबसे बड़ा दल बना था और उसे 15 सीटें मिली थीं।
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