पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बीते दिनों जबरदस्त सक्रिय हुई हैं। सोनिया गांधी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ 3 दिनों में दो बार बैठक की है तो पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती से मुलाकात के साथ ही कांग्रेस के तमाम आला नेताओं के साथ भी वह लगातार अहम बैठकें कर रही हैं।
सोमवार को सोनिया के आवास 10, जनपथ पर 6 घंटे तक बैठक चली और इसमें 2023 के चुनावी राज्यों के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर बातचीत हुई।
इस बैठक में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, रणदीप सिंह सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल और अंबिका सोनी भी मौजूद रहे।
इससे पहले शनिवार को हुई बैठक में भी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ ही कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे थे।
सोनिया गांधी ने पीडीपी की प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात की। जम्मू कश्मीर में जल्द ही विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं और ऐसे में यह मुलाकात बेहद अहम है।
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किशोर के सुझाव
शनिवार को हुई मुलाकात में प्रशांत किशोर ने प्रजेंटेशन दिया था और इसमें कांग्रेस की कमियां बताने के साथ ही उन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है, यह भी बताया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को 2024 के चुनाव के लिए 370 लोकसभा सीटों पर फोकस करना चाहिए और उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा में उसे अकेले चुनाव लड़ना चाहिए जबकि महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में गठबंधन कर मैदान में उतरना चाहिए।
कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल होना चाहिए। प्रशांत किशोर के सुझावों पर काम करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जल्द ही पार्टी नेताओं की एक कमेटी बना सकती हैं। इस तरह की खबरें हैं कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में कोई अहम पद चाहते हैं।
प्रशांत किशोर की बीते साल भी सोनिया गांधी से मुलाकात हुई थी और तब भी उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका था। इसके बाद प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर कुछ टिप्पणियां भी की थीं।
सोमवार को हुई बैठक में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई है।
सोनिया गांधी ने चुनावी राज्यों में मिली हार के बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक भी बुलाई थी और कहा था कि वह संगठन को लेकर मिले सुझावों पर काम कर रही हैं।
यह साफ दिख रहा है कि सोनिया गांधी लगातार मिल रही हार के बाद 2023 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं उन्हें लेकर बेहद गंभीर हैं। सोनिया जानती हैं कि इन राज्यों में मिली जीत या हार ही 2024 के लिए और उससे आगे कांग्रेस का सियासी मुस्तकबिल क्या होगा, उसे तय करेगी।
कांग्रेस को ममता बनर्जी, जगन मोहन रेड्डी और के. चंद्रशेखर राव से भी बड़ी चुनौती मिल रही है और 2023 में अगर कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा तो वह एनडीए के खिलाफ बनने वाले एक मजबूत फ्रंट की कयादत करने का मौका चूक सकती है।
लेकिन इसके उलट अगर वह बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रही तो विपक्ष के एक मजबूत फ्रंट की कयादत करने के साथ ही बीजेपी को चुनौती भी दे सकती है।
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