जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को जब साम्प्रदायिक हिंसा हो रही थी तो वो केजरीवाल सुंदर कांड देख रहे थे। सुंदर कांड लाइव था, जिसे उन्होंने संबोधित भी किया था। जब सुंदर कांड के कार्यक्रम से बाहर निकले तो उन्हें जहांगीरपुरी की खबर मिली और धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत केजरीवाल ने फौरन एक विवादास्पद ट्वीट कर दिया। उस ट्वीट के बाद केजरीवाल खामोश हैं। बुधवार को जहांगीरपुरी में बुलडोजर पहुंचे लेकिन केजरीवाल चुप रहे। सीपीएम की नेता वृंदा करात, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल भी मौके पर हो आया लेकिन अगर नहीं पहुंचे तो वो केजरीवाल हैं और उनकी पार्टी के नेता हैं।
मीडिया मार्केट में गुरुवार को एक शब्द आया है - केजरीवाल स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स। यह शब्द आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल के पारिवारिक सदस्य राघव चड्ढा ने दिया है। अब धीरे-धीरे समझ में आ रहा है कि केजरीवाल स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स क्या है? केजरीवाल की आलोचना करने वाले नेताओं के घर पंजाब पुलिस भेजो और जहांगीरपुरी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चुप रहो। अगर बोलो तो बीजेपी की साम्प्रदायिक लाइन का समर्थन करो।
श्री हनुमान प्रकटोत्सव के अवसर पर आज दिल्ली में पवित्र सुंदरकांड का मंचन किया गया। सुंदरकांड के भव्य मंचन को देख मन ख़ुश हो गया। अब पूरी दिल्ली में जगह-जगह सुंदरकांड का मंचन कराएँगे। प्रभु श्री राम जी एवं उनके परम भक्त बजरंगबली जी की कृपा आप सभी पर सदा बनी रहे। pic.twitter.com/fEzxwGhNRz
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 16, 2022
केजरीवाल वो शख्स हैं, जो दिल्ली में गरीब लोगों की सेवा का दम भरते हुए सत्ता में आये थे। इसी नारे पर उन्होंने हाल ही में पंजाब में सत्ता हासिल की। बीजेपी जब बुलडोजर राजनीति को तमाम राज्यों में मुस्लिमों को टारगेट करने के लिए इस्तेमाल कर रही है तो खुद को गरीबों की पार्टी बताने वाली पार्टी का मुखिया चुप है।
असदुद्दीन ओवैसी ने दो दिन पहले जहांगीरपुरी मुद्दे पर बोलते हुए केजरीवाल को 'बुजदिल' तक कहा था। बुजदिल बहुत नेगेटिव शब्द है। केजरीवाल की पार्टी ओवैसी पर पलटवार नहीं कर सकी। ओवैसी जहांगीरपुरी जा पहुंचे। एमसीडी चुनाव जब होंगे तब आम आदमी पार्टी को इसकी आंच महसूस होगी।
दिल्ली के जहांगीर पुरी में शोभायात्रा में पथराव की घटना बेहद निंदनीय है। जो भी दोषी हों उन पर सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए। सभी लोगों से अपील- एक दूसरे का हाथ पकड़कर शांति बनाए रखें।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 16, 2022
बीजेपी ने जहांगीरपुरी के मुसलमानों को बांग्लादेशी बताते हुए आरोप लगाया था कि इन लोगों ने शोभायात्रा पर पथराव किया। 16 अप्रैल रात पौने नौ बजे किए गए केजरीवाल के ट्वीट से पता चलता है कि इस शख्स ने बीजेपी के इस बयान की पुष्टि कर दी कि पथराव मुसलमानों ने किया और केजरीवाल ने उसकी निन्दा की। केजरीवाल ने कथित पत्थरबाजों को दोषी करार देते हुए, उन पर सख्त कार्रवाई की मांग भी कर दी। दिल्ली पुलिस ने जैसी भी सख्त कार्रवाई की, उस पर आरोप लगा कि वो समुदाय विशेष के लोगों को ही टारगेट कर रही है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपियों पर एनएसए लगाया वो सभी एक ही समुदाय के हैं।
आप विधायक आतिशी सिंह उर्फ आतिशी मलेरना को केजरीवाल ने जहांगीरपुरी के मोर्चे पर तैनात कर रखा है। आतिशी जहांगीरपुरी जाने की बजाय ट्वीट के जरिए पार्टी को डिफेंड कर रही हैं। उनका सारा समय यह बताने में बीत रहा है कि बीजेपी ने देशभर में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या लोगों को दंगे कराने के लिए बसाया है। यानी पश्चिम बंगाल के जो मुसलमान बंगाली भाषा बोलते हैं, वे अपनी रोटी-रोजी के लिए देश के तमाम हिस्सों में रहते हैं, वे सब बांग्लादेशी हैं। बीजेपी यही मानती है। आम आदमी पार्टी उसकी पुष्टि करती नजर आती है। इससे पहले उन्होंने जहांगीरपुरी मामले के आरोपी अंसार को बीजेपी वाला बताने में पूरी मेहनत की। उसके फोटो जुटाए और ट्वीट किए। आतिशी ने बतौर मंत्री बेहतर काम किया है और उनकी छवि भी बतौर नेता ठीकठाक रही है। लेकिन जहांगीरपुरी मुद्दे पर आप के साथ-साथ उनकी छवि को भी नुकसान पहुंचा है।
जिस दिन Amit Shah के घर Bulldozer चल जाएगा, इस देश में दंगे बंद हो जाएंगे।
— AAP (@AamAadmiParty) April 20, 2022
BJP ने दंगे करवाने के लिए देशभर में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को बसाया है।
BJP List दे, किसे कहाँ बसाया है? इससे पता चल जाएगा- अगले दंगे भाजपा कहाँ करवाने जा रही है।
-@AtishiAAP #BulldozeBJPHQ pic.twitter.com/zxs3Das1gJ
आप को इस सवाल का जवाब देना ही होगा कि वो बीजेपी की बुलडोजर राजनीति के खिलाफ है या नहीं। उसे एक पक्ष के साथ तो खड़ा ही होना पड़ेगा। कम से कम 2024 के आम चुनाव तक बीजेपी किसी न किसी रूप में बुलडोजर पॉलिटिक्स को जिन्दा रखेगी। बीजेपी की चुनावी सफलता के शॉर्टकट फॉर्म्युले का विरोध न करने वालों और केजरीवाल जैसे तटस्थ रहने वालों का इतिहास लिखा जा रहा है।
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