एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि बीजेपी से मुक़ाबला करने के लिए किसी वैकल्पिक मोर्चे के लिए कांग्रेस की ज़रूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा है कि ऐसे मोर्चे के लिए कांग्रेस को नहीं छोड़ा जा सकता है। उनका यह बयान दिल्ली में उनके घर पर एक बैठक के कुछ दिनों बाद ही आया है। इस बैठक में यह कयास लगाए जा रहे थे कि यह तीसरे मोर्चे के गठन के लिए विरोधी दलों को एकजुट करने का प्रयास है जिसे बाद में यह कहकर खारिज किया गया था कि यह सिर्फ़ मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई थी।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने कहा कि राष्ट्र मंच की बैठक में गठबंधन पर चर्चा नहीं हुई थी, लेकिन अगर एक वैकल्पिक मोर्चा खड़ा करना है तो यह कांग्रेस को साथ लेकर ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 'हमें उस तरह की शक्ति की ज़रूरत है और मैंने उस बैठक में यह कहा था।' उन्होंने किसी भी मोर्चे पर विचार करने के लिए 'सामूहिक नेतृत्व' का भी आह्वान किया।
बता दें कि दिल्ली में शरद पवार के घर पर राष्ट्र मंच की बैठक को लेकर काफ़ी अटकलबाज़ियाँ चली थीं। उसमें विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए थे। लेकिन कांग्रेस का कोई नेता शामिल नहीं था। हालाँकि बैठक का कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला था। तृणमूल कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुआई में एक कमेटी गठित की गई थी जो समान विचारों वाले दलों और नेताओं को एक मंच पर लाने का काम करेगी।
बैठक के बाद भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता नीलोत्पल बसु ने पत्रकारों से कहा था कि इस बैठक में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई, सिर्फ़ बेरोज़गारी, महंगाई और पेट्रोलियम उत्पादों की बेतहाशा बढ़ती क़ीमतों पर बातचीत की गई। पर्यवेक्षकों का कहना था कि यह बैठक नाकाम रही।
यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि यह विपक्षी दलों के तीसरे मोर्चे की बैठक नहीं थी, यह राष्ट्र मंच की बैठक थी और इसमें किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।
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