loader
शरद पवार

कांग्रेस में विलय की खबरें खारिज, एमवीए के साथ चुनाव लड़ेगा शरद पवार गुट

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के विलय की संभावना को लेकर दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने खारिज करते हुए कहा कि ये सब अफवाहें हैं और कुछ भी नहीं है। पुणे में बुधवार को शरद पवार के आवास पर बैठक के बाद सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि एनसीपी का किसी भी राजनीतिक दल के साथ विलय नहीं होगा। इस बैठक में शरद पवार और सुप्रिया सुले के अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख, राजेश टोपे, सांसद अमोल कोल्हे और श्रीनिवास पाटिल समेत अन्य नेता शामिल हुए।

सुप्रिया सुले से जब उनकी पार्टी के विलय की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हमारा गुट किसी भी राजनीतिक दल के साथ विलय नहीं करेगा। हम महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के हिस्से के रूप में आगामी चुनाव लड़ेंगे।" उन्होंने कहा, "आज की बैठक का उद्देश्य (इंडिया ब्लॉक) आगामी रैली की योजना बनाना था। चर्चा उन नेताओं के नामों के इर्द-गिर्द घूमती रही जो रैली को संबोधित करेंगे।" पार्टी की पुणे शहर इकाई के अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने कहा, "हमारी पार्टी के विलय की खबरें गलत हैं। हम नए नाम और नए प्रतीक के साथ आगे आएंगे।"

ताजा ख़बरें
उन्होंने कहा, "यह बैठक आगामी राज्यसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आयोजित की गई। पुणे में 24 फरवरी को होने वाली भारतीय गठबंधन की रैली पर भी चर्चा हुई।" अनिल देशमुख ने उन खबरों का भी खंडन किया कि एनसीपी (शरदचंद्र पवार) का किसी अन्य राजनीतिक दल में विलय होगा।

दरअसल, इससे पहले एआईसीसी के पर्यवेक्षक और महाराष्ट्र के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने मंगलवार को पवार से मुलाकात के दौरान दोनों पार्टियों के व्यापक हित में और बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए विलय का प्रस्ताव दिया था। यह प्रस्तावित किया गया था कि शरद पवार गुट के उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे क्योंकि एनसीपी का चुनाव चिन्ह अब उनके पास नहीं है। इसके बाद दोनों दलों में विलय की खबरें उड़ी थीं।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उन्होंने चेन्निथला के साथ शरद पवार से मुलाकात की, लेकिन विलय पर कोई चर्चा नहीं हुई। पटोले ने कहा, "हमने लोकसभा चुनाव की तैयारियों और घटक दलों के बीच सीट बंटवारे के फार्मूले पर चर्चा की थी। किसी भी स्तर पर एनसीपी और कांग्रेस के विलय पर चर्चा नहीं हुई।"
राजनीति से और खबरें

पिछले साल जुलाई में वरिष्ठ नेता अजित पवार के साथ आठ अन्य विधायकों के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी विभाजित हो गई थी। चुनाव आयोग (ईसीआई) ने पिछले हफ्ते अजीत पवार के नेतृत्व वाले समूह को पार्टी का नाम 'एनसीपी' और चुनाव चिह्न 'घड़ी' आवंटित किया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें