कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्मभूषण सम्मान दिए जाने पर पार्टी नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर हल्की भिड़ंत देखने को मिली है। पार्टी में असंतुष्ट नेताओं के समूह यानी G23 गुट के नेताओं ने आजाद को खुलकर बधाई दी है तो इस गुट से बाहर के नेता जयराम रमेश की प्रतिक्रिया अलग है।
G23 गुट से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने आजाद को बधाई देते हुए कहा कि यह संसदीय लोकतंत्र और सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान का सही सम्मान है।
जबकि कपिल सिब्बल ने कहा कि यह बेहद हास्यास्पद है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि देश उनके योगदान को स्वीकार कर रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर ने भी गुलाम नबी आजाद को बधाई दी है और कहा है कि पद्मभूषण उनके द्वारा देश के लिए पिछले 50 सालों में किए गए कामों पर एक आदर्श मुहर है। सांसद शशि थरूर ने भी आज़ाद को यह सम्मान मिलने पर शुभकामनाएं दीं।
लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य द्वारा पद्म भूषण सम्मान स्वीकार न करने को संकेतों में गुलाम नबी आजाद से जोड़ते हुए लिखा है कि वह आजाद होना चाहते हैं ना कि गुलाम।
तमाम अटकलें
गुलाम नबी आजाद के बारे में इस तरह की खबरें हैं कि वह कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते हैं और जम्मू-कश्मीर में अपना अलग दल बना सकते हैं। हालांकि आजाद इस तरह की खबरों का खंडन करते रहे हैं।
आजाद को पद्म भूषण सम्मान मिलने पर कांग्रेस में G23 गुट के नेताओं और बाकी नेताओं के बीच चल रहा झगड़ा हल्के तौर पर फिर से सामने आ गया है।
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