पटना में विपक्षी एकता बैठक से ठीक पहले आज गुरुवार को बसपा प्रमुख और बड़ी दलित नेता मायावती का एक बयान सामने आया, जिसमें वो कह रही हैं कि वो विपक्षी एकता बैठक में नहीं जाएंगी। हालांकि मायावती ने अपने इस रुख को तभी स्पष्ट कर दिया था कि वो ऐसी किसी विपक्षी एकता मुहिम में शामिल नहीं होंगी, जब नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत छह महीना पहले की थी। मायावती ने आज कई ट्वीट किए। लेकिन आज उनके निशाने पर कांग्रेस रही। सत्तारूढ़ भाजपा के निशाने पर भी कांग्रेस ही रहती है। इस तरह कांग्रेस को टारगेट करने के मुद्दे पर भाजपा और बसपा एक हो गए हैं। भारतीय राजनीति में यह जुगलबंदी जबरदस्त है।