2017 में जिस ओबीसी मतदाता के कसीदे पढ़ते हुए बीजेपी सत्तासीन हुई थी, 2022 में उसी ओबीसी मतदाता के प्रतिनिधि बीजेपी को लगभग कोसते हुए किनाराकशी कर रहे हैं। तीन मंत्री - स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी ओबीसी के बड़े नेताओं में हैं और अपने-अपने इलाकों में लंबे समय से दक्षिणपंथी पार्टी का झंडा उठाए घूम रहे थे। 


हालांकि अभी तीन बड़े ओबीसी नेता सपा में आए हैं लेकिन अगर उनके प्रोफाइल का ठीक से अध्ययन किया जाए तो सारी कहानी साफ हो जाती है कि आखिर ओबीसी का बीजेपी से क्यों मोहभंग हुआ।