आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि 2024 के आम चुनाव में उनकी पार्टी किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। केजरीवाल रविवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। केजरीवाल ने कहा कि वह हिंदुस्तान के 130 करोड़ लोगों के साथ गठबंधन करेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि वह कभी भी कई राजनीतिक दलों के गठबंधन की सियासत को नहीं समझ सके हैं और किसी तरह के गठबंधन के लिए तैयार भी नहीं हैं।
पंजाब के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली जीत के बाद अरविंद केजरीवाल ने कई चुनावी राज्यों में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। बीते 2 महीनों में उन्होंने गुजरात से लेकर हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक से लेकर राजस्थान का दौरा किया है।
केजरीवाल की कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भी बातचीत हुई थी। तब यह कहा गया था कि कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए से हटकर ममता बनर्जी और केजरीवाल कोई नया गठबंधन तैयार करने के बारे में सोच रहे हैं।
ममता और केसीआर
ममता बनर्जी के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर भी यूपीए से हटकर विपक्षी दलों का एक गठबंधन तैयार करना चाहते हैं। ममता बनर्जी और केसीआर कई बार विपक्षी दलों के नेताओं से इस संबंध में मुलाकात भी कर चुके हैं।
लेकिन अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर कि वह 2024 के चुनाव के लिए कोई गठबंधन नहीं करेंगे, ममता और केसीआर की कोशिशों को झटका दिया है।
पंजाब में सरकार बनने के बाद वहां की पुलिस के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में विपक्षी दलों के नेताओं पर हो रही कार्रवाई को लेकर अरविंद केजरीवाल आलोचना का सामना कर रहे हैं। केजरीवाल ने आम चुनाव के लिए गठबंधन की बात को नकार कर यह साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी अकेले ही अपने सियासी सफर पर आगे बढ़ेगी।
कांग्रेस का विकल्प बनने की चाहत
केजरीवाल की सियासी महत्वाकांक्षाएं किसी से छिपी नहीं हैं। केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार दिल्ली में सरकार बनाकर अपनी सियासी क्षमता को साबित भी किया है। यह कहा जाता है कि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी को कांग्रेस का विकल्प बनाना चाहते हैं। लेकिन क्या वह ऐसा कर पाएंगे और 2024 के चुनाव तक आम आदमी पार्टी क्या राष्ट्रीय स्तर पर इतनी मजबूत हो पाएगी कि वह अकेले दम पर चुनाव लड़कर कुछ असर पैदा कर सके, यह देखने वाली बात होगी।
अपनी राय बतायें