मुंबई में शरद पवार से मिलने के बाद कांग्रेस को लेकर ममता बनर्जी के तेवर और तीखे हो गए लगते हैं। उन्होंने अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के अस्तित्व को ही नकार दिया है। ममता ने कहा कि 'ये यूपीए क्या है, कोई यूपीए नहीं है'।
ममता बनर्जी और शरद पवार की आज मुंबई में हुई मुलाक़ात को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक मोर्चा बनाने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है। पत्रकारों से ममता ने कहा भी है कि आगे की लड़ाई अकेली नहीं लड़ी जा सकती है और एक मोर्चे की ज़रूरत है। शरद पवार के साथ मुलाक़ात को उन्होंने '2024 के लिए एक खाका' क़रार दिया।
तृणमूल प्रमुख ने जिस अंदाज़ में आज कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए यानी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को लेकर बात कही उसी अंदाज़ में उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस को लेकर बयान दिया था। दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने वाली ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से मुलाक़ात को लेकर एक सवाल के जवाब में पहले तो कहा था कि 'वे पंजाब चुनाव में व्यस्त हैं', लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि 'हमें हर बार सोनिया से क्यों मिलना चाहिए? क्या यह संवैधानिक बाध्यता है?' ममता बनर्जी के इस बयान में बेहद तल्खी थी।
Pleased to meet Hon'ble CM of West Bengal Smt @MamataOfficial at my Mumbai residence. We Discussed various issues. We agreed upon the need to strengthen the collective efforts and commitment towards safeguarding democratic values and ensuring the betterment of our people. pic.twitter.com/ryrVH2hD6N
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) December 1, 2021
बैठक के बाद पवार ने कहा, 'हमें नेतृत्व के लिए एक मज़बूत विकल्प देना होगा। हमारी सोच आज के लिए नहीं, चुनाव के लिए है। इसे स्थापित करना होगा और इसी मंशा के साथ उन्होंने दौरा किया है और हम सभी के साथ बहुत सकारात्मक चर्चा की है।'
एनसीपी नेता पवार ने कहा कि ममता का इरादा है कि आज की स्थिति में समान विचारधारा वाली ताक़तों को राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ आना होगा और सामूहिक नेतृत्व स्थापित करना होगा।
जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस इसका हिस्सा होगी तो शरद पवार ने कहा,
“
कांग्रेस हो या कोई अन्य पार्टी, बात यह है कि जो बीजेपी के ख़िलाफ़ हैं, अगर वे एक साथ आएंगे, तो उनका स्वागत है।
शरद पवार, ममता से मिलने के बाद
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'मौजूदा फासीवाद के ख़िलाफ़ कोई लड़ाई नही लड़ रहा है इसलिए एक मज़बूत वैकल्पिक रास्ता बनाया जाना चाहिए। शरद जी सबसे वरिष्ठ नेता हैं और मैं हमारे राजनीतिक दलों पर चर्चा करने आयी हूँ। शरद जी ने जो भी कहा मैं उससे सहमत हूँ। यूपीए नहीं है।'
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