एक आधिकारिक सूत्र ने गुरुवार को बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 21 फरवरी को पंजाब का दौरा कर सकती हैं और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान से मुलाकात कर सकती हैं।
टीएमसी सूत्रों ने कहा कि टीएमसी प्रमुख स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने भी जा सकती हैं। इंडिया गठबंधन की बैठकों में ममता और केजरीवाल मिलकर चलते रहे हैं। अब दोनों ही नेताओं की पार्टियों ने न सिर्फ कांग्रेस बल्कि इंडिया गठबंधन से किनारा कर लिया है। ममता का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब लोकसभा चुनाव में सिर्फ कुछ दिन ही बचे हैं। उधर पंजाब के किसानों का आंदोलन भी शुरू हो गया है।
ममता बनर्जी ने अभी हाल ही में किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए शूंभ बॉर्डर पर किसानों को पीटने और उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ने की निन्दा की थी। उन्होंने केंद्र सरकार पर सीधा हमला किया था। अगर 21 फरवरी तक किसानों का आंदोलन जारी रहता है तो ममता बनर्जी किसानों के बीच भी जा सकती हैं।
पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि "मुख्यमंत्री के 21 फरवरी को पंजाब का दौरा करने की संभावना है। अपनी यात्रा के दौरान वह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पूजा करेंगी। इस यात्रा के दौरान उनकी दिल्ली के मुख्यमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री से मुलाकात की काफी संभावना है।"
हालांकि ममता भी अपने राज्य पश्चिम बंगाल में कम चुनौतियों का सामना नहीं कर रही है। संदेशखाली में हिंसा की ताजा घटनाओं ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को फिर से विवादों में ला दिया है। स्थानीय महिलाओं के विरोध प्रदर्शन से ममता बनर्जी के राज्य में महिला मतदाताओं को अपने पक्ष में एकजुट करने के प्रयासों पर असर पड़ने का खतरा है। पश्चिम बंगाल में लगभग आधी मतदाता अब महिला हैं, जो 2021 के विधानसभा चुनावों में लगभग 48% थी। यह टीएमसी के साथ-साथ बीजेपी के लिए भी एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है।
ममता बनर्जी की सरकार ने इस साल के बजट में 'लक्ष्मी भंडार' योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को सामान्य वर्ग के लिए हर महीने 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये और एससी/एसटी वर्ग के लिए 1,200 रुपये करने का वादा किया है। 2021 में शुरू की गई इस योजना को गेम-चेंजर माना जाता है जिसने ममता बनर्जी को उस साल विधानसभा चुनाव में जीत दिलाई थी।
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