राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के लिए राहुल गांधी पर दबाव डालेंगे और उन्हें मनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
कांग्रेस ने कहा था कि 21 अगस्त से कांग्रेस के अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी और 20 सितंबर 2022 तक पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
तमाम चर्चाओं के बावजूद अभी भी यह माना जा रहा है कि कांग्रेस सितंबर अंत तक या अक्टूबर की शुरुआत में नए अध्यक्ष का चुनाव कर लेगी।
कांग्रेस के कई नेता कह चुके हैं कि राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद संभालने से पूरी तरह इनकार कर दिया है और राहुल चाहते हैं कि कांग्रेस की कमान गांधी परिवार से बाहर के किसी शख्स के हाथ में दी जाए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेंगलुरु में न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा कि राहुल गांधी के अलावा पार्टी में कोई ऐसा नेता नहीं है जिसकी पूरे देश में पहचान हो। उन्होंने कहा कि अगर कोई और नेता पार्टी का नेतृत्व करना चाहता है तो उसके पास कश्मीर से कन्याकुमारी और पश्चिम बंगाल से गुजरात तक कार्यकर्ताओं का समर्थन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल के अलावा कोई किसी और नेता का इतना कद नहीं है। ऐसी चर्चा है कि G-23 गुट अध्यक्ष के चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर यह जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
इस सवाल के जवाब में कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं हैं, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से अनुरोध किया जाएगा कि वह पार्टी की खातिर, देश की खातिर, आरएसएस-बीजेपी से लड़ने के लिए और देश को एकजुट रखने के लिए पार्टी अध्यक्ष का पद संभालें। उन्होंने कहा कि हम राहुल गांधी से कहेंगे, हम उन पर दबाव बनाएंगे और अनुरोध करेंगे कि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनें।
राहुल गांधी के इनकार के बाद इस पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सामने आया है। खबरों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत से कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालें। राहुल गांधी भी अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर देखना चाहते हैं।
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने और राहुल गांधी पर जोरदार हमलों के बाद कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आजाद ने ऐसे वक्त में इस्तीफ़ा दिया है जब कांग्रेस 7 सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने जा रही है। यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में G-23 गुट के कई और नेता कांग्रेस हाईकमान की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
थामना होगा घमासान
कांग्रेस को नए अध्यक्ष का चुनाव जल्द से जल्द करना होगा क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में अब वक्त ज्यादा वक्त नहीं है। मुख्य विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस को विधायकों को एकजुट करने के काम के साथ ही अपने घर के भीतर चल रहे घमासान को भी थामना होगा।
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