दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि भारत के नोटों में गणेश और लक्ष्मी की तस्वीर भी छापी जाए। इसे केजरीवाल का हिंदुत्व की राजनीति में बड़ा दांव माना जा रहा है क्योंकि लंबे वक्त से अरविंद केजरीवाल अपनी छवि एक सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता के रूप में बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं और आज उन्होंने यह मांग करके इस दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ा दिया है।
केजरीवाल ने कहा, भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए बहुत सारे कदमों की जरूरत है लेकिन साथ ही हमें देवी-देवताओं के आशीर्वाद की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर वर्तमान की तरह एक तरफ रहे और दूसरी तरफ लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर रहे तो इससे पूरे देश को उनका आशीर्वाद मिलेगा।
केजरीवाल ने कहा कि इंडोनेशिया में 85 फीसद से अधिक आबादी मुसलमानों की है और 2 फीसद से कम हिंदू हैं। लेकिन इंडोनेशिया में भी नोटों पर गणेश जी की तस्वीर छपी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस कदम को उठाना चाहिए।
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गुजरात का विधानसभा चुनाव
केजरीवाल की इस मांग को गुजरात के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। गुजरात में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं और अरविंद केजरीवाल मार्च में पंजाब में बड़ी जीत हासिल करने के बाद से ही लगातार गुजरात के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं।
राजेंद्र पाल गौतम विवाद
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को लेकर कुछ दिनों पहले अरविंद केजरीवाल बुरी तरह घिर गए थे। राजेंद्र पाल गौतम का हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कथित रूप से हजारों हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें बौद्ध धर्म में शामिल कराया है।
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इस दौरान 22 प्रतिज्ञाएं भी ली गई थीं, जिन्हें लेकर बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ गुजरात में कई जगहों पर हिंदू विरोधी होने के पोस्टर लगा दिए थे।
इन पोस्टर में लिखा गया था कि मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम, कृष्ण को ईश्वर नहीं मानता। पोस्टर में यह भी लिखा गया था कि मैं हिंदू धर्म को पागलपन मानता हूं। ऐसे पोस्टर गुजरात के कई शहरों में लगे होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। इन पोस्टर में अरविंद केजरीवाल को मुस्लिम टोपी पहने हुए दिखाया गया था।
बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल की सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि को ध्वस्त करने की कोशिश की थी। बीजेपी के तमाम नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को हिंदू विरोधी करार दे दिया था और दबाव के आगे झुकते हुए केजरीवाल ने राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफ़ा ले लिया था।
बीते कुछ सालों में अरविंद केजरीवाल कई न्यूज़ चैनलों के मंच पर हनुमान चालीसा भी पढ़ चुके हैं और साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद वह दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित हनुमान मंदिर तक अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे।
केजरीवाल कुछ मौकों पर सामूहिक पूजा और सुंदरकांड का भी आयोजन कर चुके हैं और पिछले कुछ महीनों में गुजरात में भी वह कई मंदिरों में जा चुके हैं।
अब सवाल यह है कि क्या नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीरों वाले केजरीवाल के इस हिंदुत्व के दांव से आम आदमी पार्टी को गुजरात के विधानसभा चुनाव में कोई सियासी फायदा मिलेगा?
‘यू-टर्न की पराकाष्ठा’
केजरीवाल की इस मांग पर बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं। पात्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कुछ दिनों पहले हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ टिप्पणी की थी और इसके बाद भी केजरीवाल ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त नहीं किया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर दिल्ली विधानसभा में ठहाके मारकर हंसे थे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल आज हिंदू बनने की कोशिश कर रहे हैं और यह यू-टर्न की पराकाष्ठा है।
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