विपक्षी गठबंधन के नाम I.N.D.I.A. को लेकर 'Quit India' से तंज कसने के बाद प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस ने 'Quit India' यानी 'भारत छोड़ो' आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि 'आपके राजनैतिक पूर्वजों ने भारतीय को भारतीयों के ख़िलाफ़ किया'।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए ट्वीट में कहा है, 'आपके राजनैतिक पूर्वजों ने भारतीय को भारतीयों के ख़िलाफ़ किया, अंग्रेज़ी हुकूमत का साथ दिया, मुखबिरी की और Quit India का कड़ा विरोध किया। गाँधी हत्या की साज़िश में संदेहपूर्ण भूमिका रही। राष्ट्रीय ध्वज — तिरंगे का विरोध किया। आज़ादी के 52 साल तक उसे फहराया नहीं। सरदार पटेल को उनको तिरंगे का बहिष्कार करने के लिए चेतावनी देनी पड़ी।'
प्रधानमंत्री मोदी जी,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 6, 2023
पिछले 10 सालों से आपने केवल तोड़ने की नकारात्मक राजनीति की है। आपकी वाणी से अब INDIA के लिए भी कटु शब्द निकल रहें हैं।
1️⃣ पिछले 3 महीने से मणिपुर हिंसा को आप क़ाबू नहीं कर पाए हैं। आपकी विभाजनकारी राजनीति ने समुदायों को आपस में ऐसे लड़वाया है कि वहाँ गृह…
खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी पर यह हमला तब किया है जब उन्होंने एक दिन पहले इसी 'भारत छोड़ो' को लेकर विपक्षी गठबंधन पर हमला किया था।
देशभर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की नींव रखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण करने वाला क़रार दिया। पीएम मोदी ने कहा, "पूरा देश 'भारत छोड़ो' आंदोलन से प्रेरित होकर अब कह रहा है कि भ्रष्टाचार, वंशवाद, तुष्टीकरण भारत छोड़ो।'
वैसे, 'भारत छोड़ो' आंदोलन में बीजेपी और आरएसएस की भूमिका को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। विपक्षी दलों के नेता भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के उस ख़त के हवाले से हमला करते रहे हैं जिसे उन्होंने अंग्रजों को लिखा था।
रिपोर्टें रही हैं कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल के ब्रिटिश गवर्नर को खत लिखकर भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने के लिए कहा था।
खत में उन्होंने लिखा था कि वह अंग्रेजी हुकूमत के साथ हैं। जनसत्ता की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी, फ्रॉम ए डायरी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी’ के अंश के मुताबिक, मुखर्जी ने बंगाल में भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था और उसे कुचलने के उपाय ब्रिटिश गवर्नर जॉन हरबर्ट को सुझाए थे। रिपोर्ट के अनुसार एजी नूरानी की किताब में भी इसका ज़िक्र है। जिस समय वह ख़त लिखा गया था उस समय वह मुस्लिम लीग-हिंदू महासभा की उस साझा सरकार के वित्त मंत्री थे। मुखर्जी 1941 में मुस्लिम लीग की अगुआई में बनी साझा सरकार में शामिल हुए थे।
मुखर्जी ने खत में 26 जुलाई, 1942 को बंगाल के गवर्नर सर जॉन आर्थर हरबर्ट से कहा, 'कांग्रेस द्वारा बड़े पैमाने पर छेड़े गए आंदोलन के कारण सूबे में जो स्थिति उत्पन्न हो रही है, उसकी ओर वह ध्यान दिलाना चाहते हैं।' उन्होंने लिखा, 'किसी भी सरकार को ऐसे लोगों को कुचला जाना चाहिए जो युद्ध के समय लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम करते हों, जिससे गड़बड़ी या आंतरिक असुरक्षा की स्थिति पैदा होती है।'
सिब्बल भी प्रधानमंत्री पर बरसे
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सोमवार को विपक्ष पर 'भारत छोड़ो' वाले तंज को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा, 'हम एक अखंड भारत चाहते हैं' जहां भ्रष्टाचार को बचाने और छिपाने वालों को इस्तीफा देना होगा। एक ट्वीट में सिब्बल ने कहा, "पीएम: गांधी के 'भारत छोड़ो' का आह्वान करते हैं लेकिन आरएसएस अंग्रेजों के साथ था!"
P M :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 7, 2023
Invokes Gandhi’s “Quit India”
But
RSS sided with the British !
We want a “United” India
Not a “Split” India
Where those who “protect” & “hide”corruption must quit
Those who remain silent when India “burns” must quit
Those who breed “hatred” must quit
उन्होंने आगे कहा, "हम एक 'संयुक्त' भारत चाहते हैं, न कि 'विभाजित' भारत, जहां जो लोग भ्रष्टाचार को 'संरक्षण देते' और 'छिपाते' हैं, उन्हें छोड़ देना चाहिए। जो लोग भारत के 'जलने' पर चुप रहते हैं, उन्हें छोड़ देना चाहिए। जो लोग 'नफरत' पैदा करते हैं, उन्हें छोड़ देना चाहिए।"
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