बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव उर्फ केसीआर से मुलाकात की है। दोनों नेताओं की इस मुलाकात को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले किसी एक नए फ्रंट के बनने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।
बीते दिनों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एक अलग फ्रंट बनाने की कोशिश की और तमाम नेताओं से मुलाकात भी की।
तेजस्वी यादव हैदराबाद पहुंचे थे। बताया गया है कि केसीआर से मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय दलों के नेताओं के बीच राष्ट्रीय दलों विशेषकर बीजेपी के खिलाफ एक मोर्चा खड़ा करने पर बात हुई।
केसीआर ने इस दौरान आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी बात की और उनसे अपील की कि वे सक्रिय राजनीति में लौटें और राष्ट्रीय राजनीति में अहम रोल अदा करें। तेजस्वी के साथ बिहार आरजेडी के बड़े नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी सहित कई और नेता मौजूद रहे।
रविवार को ही केसीआर ने सीपीआई और सीपीएम के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात की थी। बीते महीने केसीआर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी मिले थे।
पहले भी हुई कोशिशें
केसीआर ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एंटी बीजेपी फ्रंट बनाने की कोशिश की थी और तब वह देश भर में कई विपक्षी नेताओं से मिले थे लेकिन ऐसा फ्रंट नहीं बन पाया था। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी ऐसी कोशिशें कर चुके हैं।
शिवसेना का ममता को जवाब
टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने जब बीते दिनों यूपीए से हटकर एक अलग फ्रंट बनाने की कोशिशों को परवान चढ़ाया था तो उन्हें शिवसेना ने जवाब दिया था कि विपक्षी नेताओं को यूपीए की मजबूती के लिए काम करना चाहिए और अगर कोई अलग फ्रंट बनता भी है तो भी यूपीए अपना काम करेगा ही।
देखना होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी या कांग्रेस के खिलाफ क्या कोई मजबूत फ्रंट बन कर सामने आता है।
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