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कमलनाथ दिल्ली पहुंचे, भाजपा नेताओं से मिल रहे हैं

एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दोपहर को दिल्ली पहुंचे और वो लोग तमाम भाजपा नेताओं से मिल रहे हैं। भाजपा में शामिल किए जाने की बस अब घोषणा भर बाकी है। नकुलनाथ ने सोशल मीडिया पर अपने बायो से कांग्रेस हटा दिया है। दोनों के बारे में काफी दिनों से चर्चा थी कि वे भाजपा में जाएंगे। हालांकि एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कमलनाथ कांग्रेस के पुराने सिपाही हैं और वे ऐसा नहीं करेंगे।

अभी शुक्रवार शाम तक कमलनाथ इन खबरों का खंडन कर रहे थे कि वे भाजपा में जाने वाले हैं। कमलनाथ ने मीडिया से कहा- "अगर ऐसी कोई बात होगी तो मैं सबसे पहले आपको बताऊंगा। ये इनकार करने की बात नहीं है, आप ये कह रहे हैं, आप लोग एक्साइटेड हो रहे हैं। मैं एक्साइटेड नहीं हो रहा हूं, इस तरफ या उस तरफ, लेकिन अगर कोई बात होगी तो ऐसी कोई बात है, मैं आपको सबसे पहले सूचित करूंगा।'' 

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मध्य प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा झटका देते हुए, इस सप्ताह की शुरुआत में कई नेताओं ने पाला बदल लिया। पूर्व विधायक दिनेश अहिरवार और विदिशा से कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश कटारे 12 फरवरी को भाजपा में शामिल हो गए थे।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने शुक्रवार को कहा था कि पार्टी के दरवाजे अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के लिए खुले हैं जो पार्टी द्वारा अयोध्या के राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने से नाराज हैं। कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर वीडी शर्मा ने कहा, 'तो आज मैं आपको माहौल बता रहा हूं, हमने अपने दरवाजे खुले रखे हैं क्योंकि कांग्रेस में ऐसे लोग हैं जिन्हें लगता है कि कांग्रेस भगवान राम का बहिष्कार करती है। जब कांग्रेस उनका अपमान करती है तो ऐसे लोग भी हैं जिन्हें इससे दुख होता है, जो परेशान होते हैं और उन्हें मौका मिलना चाहिए।''
वीडी शर्मा ने शुक्रवार को भोपाल में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ''आप जिनका नाम ले रहे हैं, अगर उनके दिल में दर्द है तो उनका भी स्वागत है।'' इस महीने की शुरुआत में मध्य प्रदेश से एकमात्र लोकसभा कांग्रेस सांसद नकुल नाथ ने खुद को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया था। पार्टी की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
नकुलनाथ ने हाल ही एक रैली में कहा था-  "इस बार भी, मैं लोकसभा चुनाव में आपका उम्मीदवार बनूंगा। ऐसी अफवाहें चल रही हैं कि कमलनाथ या नकुलनाथ चुनाव लड़ेंगे, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कमलनाथ चुनाव नहीं लड़ेंगे, मैं लड़ूंगा।" 
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छिंदवाड़ा लंबे समय से कमलनाथ का गढ़ रहा है, जिन्होंने लगातार नौ बार इस सीट पर कब्जा किया था। 2019 के चुनावों में, राज्य की अन्य 28 सीटों पर भाजपा की जीत के बावजूद, नकुलनाथ छिंदवाड़ा से जीत हासिल करने में कामयाब रहे।

हालांकि सोशल मीडिया पर लोग भाजपा का 2018 का एक ट्वीट शेयर कर रहे हैं, जिसमें भाजपा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ को लेकर आरोप लगाया था। इसमें भाजाप पीएम मोदी के भाषण का हवाला देते हुए लिख रही है-  कमलनाथ जी कहते है कि उनकी चक्की देर से चलती है लेकिन पीसती बड़ा बारीक है। श्रीमान कमलनाथ जी पूरा देश भलीभांति जनता है कि आपकी चक्की में कैसे-कैसे बारीक पीसता है, 1984 के दिल्ली के सिख विरोधी दंगे इसका जीता जागता सबूत है : पीएम मोदी   
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क़मर वहीद नक़वी
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