कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने सभी प्रवक्ताओं और पदाधिकारियों के लिए सख्त संदेश जारी किया है। जयराम रमेश ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और कम्युनिकेशन विभाग के पदाधिकारियों से अपील की है कि वे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़े होने वाले किसी भी उम्मीदवार को लेकर किसी तरह की टिप्पणी ना करें।
जयराम रमेश का यह बयान कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ की उस टिप्पणी के संदर्भ में आया है जिसमें गौरव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर पर हमला बोला था।
बताना होगा कि शशि थरूर भी कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
एनडीटीवी के मुताबिक, जयराम रमेश ने कहा कि हम सभी की अपनी कोई व्यक्तिगत पसंद हो सकती है लेकिन हमारा काम सिर्फ इस बात को आगे रखना है कि कांग्रेस ही सिर्फ ऐसा राजनीतिक दल है जिसमें पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए पूरी तरह लोकतांत्रिक और पारदर्शी व्यवस्था है।
क्या कहा था गौरव ने?
गौरव ने कहा था कि करोड़ों कार्यकर्ताओं की तरह उनकी भी पहली इच्छा यही है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनें लेकिन अगर राहुल गांधी अध्यक्ष ना बनने के फैसले पर कायम रहते हैं तो अध्यक्ष पद के लिए जो दो नाम चर्चा में हैं उनमें से एक नाम का चुनाव करना होगा और इन दोनों ही नामों की आपस में कोई तुलना नहीं है।
वल्लभ ने कहा था कि एक ओर अशोक गहलोत हैं, जो तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं, केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं, पांच बार सांसद, पांच बार विधायक रहे हैं, जिन्होंने सीधे मुकाबले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को हराया है और 45 साल के राजनीतिक कैरियर में उन पर कोई दाग नहीं है। जबकि दूसरी ओर शशि थरूर हैं जिनका पिछले 8 सालों में सिर्फ एक बड़ा योगदान पार्टी के लिए है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उस वक्त खत भेजा था जिस वक्त वह अस्पताल में भर्ती थीं और इस वजह से उनके जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को बहुत दुख हुआ था। वल्लभ ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए उनका चयन पूरी तरह साफ है।
गौरव वल्लभ की इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा हुई थी।
G-23 गुट
बताना होगा कि साल 2020 में कांग्रेस में असंतुष्ट 23 नेताओं के गुट ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और पार्टी में बड़े बदलाव किए जाने की मांग की थी। बाद में इन नेताओं को G-23 का नाम दिया गया था। पत्र लिखे जाने के बाद भी इन नेताओं की ओर से तमाम तरह के सवाल और टिप्पणियां कांग्रेस नेतृत्व को लेकर की जाती रही। इस गुट के प्रमुख चेहरे गुलाम नबी आजाद पार्टी छोड़ चुके हैं और अपने इस्तीफे के पत्र में उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला था। इस गुट के कपिल सिब्बल भी पार्टी छोड़ चुके हैं। शशि थरूर, भूपेंद्र हुड्डा, मनीष तिवारी आदि कई नेता इस गुट में शामिल हैं।
बताना होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 24 से 30 सितंबर तक नामांकन भरे जाने हैं। 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जाएंगे जबकि एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की सूरत में 17 अक्टूबर को मत डाले जाएंगे। 19 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी और उसी दिन चुनाव नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।
कांग्रेस इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है। 3570 किलोमीटर लंबी यह यात्रा 5 महीने तक चलेगी। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और इसे जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होना है।
कहा जा रहा है कि शशि थरूर के अलावा मनीष तिवारी भी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार हो सकते हैं। बहरहाल, कांग्रेस ने अपने सभी प्रवक्ताओं और पदाधिकारियों को सचेत कर दिया है कि वह किसी भी तरह की बेवजह बयानबाजी ना करें।
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