केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने दावा किया कि जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख ने 2024 में प्रधानमंत्री बनने का लक्ष्य रखते हुए 'लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठने' के लिए बीजेपी को धोखा दिया। अमित शाह ने बिहार की एक सभा में नीतीश के साथ ही लालू यादव पर भी हमला किया। तो सवाल है कि अब अमित शाह के निशाने पर ये नेता क्यों आ गए? क्या इन नेताओं की वजह से बीजेपी को भारी तकलीफ हो रही है? क्या अमित शाह इस नीतीश-लालू की जोड़ी से घबरा गए हैं?
बिहार के दो दिवसीय दौरे पर पहुँचे अमित शाह ने पूर्णिया में एक रैली में कहा, 'नीतीश कुमार हमें धोखा देकर लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठे। सीमांचल नीतीश कुमार को मुँहतोड़ जवाब देगा। क्या राजनीतिक गठबंधन बदलकर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन सकते हैं?'
उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने बड़प्पन दिखाया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपको सीएम पद का वादा किया था। लेकिन, जब लोकसभा चुनाव नजदीक आया, तो आपने हमें अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए धोखा दिया। बिहार के लोग आपको जानते हैं। उन्होंने आपको संदेह का लाभ दिया, लेकिन अब वे आपको जानते हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'वे कहते हैं कि मैं यहाँ अशांति फैलाने आया हूँ। मैं यहाँ अशांति फैलाने के लिए नहीं हूँ। लालू प्रसाद यादव इसके लिए हैं। चूँकि नीतीश जी लालू जी की गोद में बैठे हुए हैं, मैं यहाँ आपको बता रहा हूँ कि सीमावर्ती जिले भारत का हिस्सा हैं। डरो मत। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।'
नीतीश कुमार की कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं हैं, उनकी बस एक ही नीति है- कैसे भी मेरी कुर्सी बची रहनी चाहिए।
— Amit Shah (@AmitShah) September 23, 2022
बिहार की जनता ने ठान लिया है कि यहाँ अब न लालू और न नीतीश का शासन चलेगा बिहार में सिर्फ मोदी जी का कमल खिलेगा। pic.twitter.com/7b5sGRVM94
पिछले महीने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजद के साथ गठबंधन करने के लिए बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद से गृहमंत्री अमित शाह की यह पहली प्रतिक्रिया है।
अमित शाह की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब विपक्षी एकता एक आकार लेने की कोशिश में है। नीतीश कुमार और आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव रविवार शाम को दिल्ली आकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात कर सकते हैं।
नीतीश कुमार ने कुछ हफ्ते पहले दिल्ली आकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, एनसीपी के मुखिया शरद पवार सहित विपक्ष के कई नेताओं से मुलाक़ात की थी। उससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पटना आकर नीतीश कुमार से 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मज़बूत करने के मद्देनज़र मुलाक़ात की थी।
नीतीश कुमार के विपक्ष के पाले में आने के बाद से ही 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नीतीश कुमार और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ एक मंच पर आकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद से ही जेडीयू के नेता 2024 के चुनाव में नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की बातें कहने लगे हैं। हालांकि नीतीश कुमार का कहना है कि वह किसी पद की दौड़ में नहीं हैं और सिर्फ विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं।
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