उत्तर प्रदेश में चुनाव का चौथा चरण इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इस चरण के बाद विधानसभा की 403 सीटों में से 231 पर चुनाव हो जाएगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस दौर में वो सारे मुद्दे देखने को मिल रहे हैं जो हो चुके या होने वाले चरणों में उठे थे या उठने वाले हैं। चौथे चरण के अहम होने की अनन्य वजह यह भी है कि बीजेपी का परंपरागत गढ़ रहा अवध क्षेत्र का निर्णय भी इसी चरण में आने वाला है।
यूपी में चौथा चरण : बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए ‘करो या मरो’
- राजनीति
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- 22 Feb, 2022

उत्तर प्रदेश में चौथे चरण में भी बीजेपी और सपा के बीच तगड़ा मुकाबला है। अगर इस चरण में बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ तो उसके लिए इसकी भरपाई करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
किसान-ब्राह्मणों का रुख अहम
लखीमपुर खीरी ज़िले की सभी 8 सीटें क्या एक बार फिर मतदाता बीजेपी को सौंपेंगे या फिर बीजेपी को मतदाता सबक सिखाएंगे। ब्राह्मणों का रुख भी स्पष्ट होगा और यह स्पष्ट हो जाएगा कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की कितनी पकड़ इस इलाके में रह गयी है। आंदोलनकारी किसानों पर गाड़ी चलाकर मौत का खेल दिखाने के आरोपी अभियुक्त मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा की जेल से रिहाई पर स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया भी मतदान से पता चलेगा। लखीमपुर खीरी में दलित मतदाताओं की भी बड़ी तादाद है। उनके रुख पर भी नज़र रहेगी और स्पष्ट होगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी छोड़ जाने का कितना असर पड़ा है।