कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जांच एजेंसी ईडी के द्वारा 21 जुलाई को नेशनल हेराल्ड मामले में समन किए जाने के बाद पार्टी एक बार फिर सड़क पर उतरने जा रही है। ईडी ने सोनिया गांधी को पहले भी समन किया था लेकिन तब कोरोना से संक्रमित होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी के दौरान कांग्रेस ने कई दिन तक राजधानी दिल्ली और तमाम बड़े शहरों में जोरदार प्रदर्शन किया था और इस दौरान कांग्रेस के कई नेताओं को हिरासत में भी लिया गया था।
कांग्रेस नेताओं की बुधवार को हुई बैठक में सोनिया गांधी की ईडी के सामने पेशी के मामले में एक बार फिर जोरदार प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया।
कांग्रेस की एक अहम बैठक गुरुवार को भी बुलाई गई है और इसमें कांग्रेस के सभी महासचिव, राज्यों के प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और बड़े नेता भारत जोड़ो यात्रा और संगठन के बाकी कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करेंगे।
18 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में भी कांग्रेस के सांसद संसद भवन के भीतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
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कांग्रेस नेताओं की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि सोनिया गांधी इस तरह की बातों से नहीं डरती हैं और पहले भी ऐसी चीजों का सामना कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ईडी के दफ्तर जाएंगी और इस हुकूमत का सामना करेंगी।
बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, एआईसीसी कोषाध्यक्ष पवन बंसल, एआईसीसी महासचिव मुकुल वासनिक, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, भंवर जितेंद्र सिंह सहित कई नेता शामिल रहे।
कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े पैम्फलेट भी तैयार किए हैं और इन्हें आम लोगों के बीच बांटा जाएगा।
कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में उसके नेताओं पर लगे आरोपों को बदले की राजनीति करार दिया है। पार्टी ने आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि जांच एजेंसी मोदी सरकार के इशारे पर विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
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राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को घंटों तक थाने में बैठाए रखा था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि उसके नेताओं के साथ दिल्ली पुलिस ने ज़्यादती की है और तब पुलिस के कांग्रेस मुख्यालय में घुसने को लेकर काफी बवाल हुआ था।
ईडी ने पिछले महीने राहुल गांधी से कई दिन तक और कई घंटों तक लगातार पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे।
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क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था।
स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयकर विभाग से यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था। इस मामले में ईडी ने भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नया केस दर्ज किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल को 1937 में शुरू किया था। 2010 में कंपनी में 1057 शेयर धारक थे और नुकसान होने के बाद 2011 में इसके स्वामित्व को यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया था। एजेल की ओर से अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड, उर्दू अखबार कौमी आवाज़ और हिंदी अखबार नवजीवन प्रकाशित किया जाता था।
यंग इंडिया लिमिटेड का गठन 2010 में किया गया था और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस के एक नेता निदेशक थे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फ़ीसदी शेयर थे और 24 फ़ीसदी शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के पास थे।
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