मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे। बीते कई दिनों से मीडिया के गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकते हैं। दिग्विजय सिंह 30 सितंबर को नामांकन दाखिल कर सकते हैं। बताना होगा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर अभी यह साफ नहीं है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
इस तरह देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में दो दशक बाद होने जा रहा अध्यक्ष का चुनाव अब बेहद रोमांचक हो गया है।
किसे मिलेगा गांधी परिवार का समर्थन?
सवाल यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे बड़े पद पर पार्टी का कौन नेता बैठेगा। इसके लिए पिछले दरवाजे से ही सही गांधी परिवार का समर्थन जरूरी होगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गांधी परिवार के द्वारा समर्थित उम्मीदवार माना जा रहा था और रविवार को राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम से पहले यह लगभग तय था कि अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बन जाएंगे। लेकिन अब इसे लेकर थोड़ा संशय है और तस्वीर कल तक साफ हो जाएगी।
निश्चित रूप से यह बड़ा सवाल है कि इस चुनाव में गांधी परिवार के द्वारा समर्थित उम्मीदवार कौन होगा। हालांकि सोनिया गांधी पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर से स्पष्ट रूप से कह चुकी हैं कि वह चुनाव में पूरी तरह तटस्थ रहेंगी। लेकिन निश्चित रूप से गांधी परिवार चाहता है कि कांग्रेस के अध्यक्ष की कुर्सी पर उनका कोई भरोसेमंद नेता ही बैठे और ऐसे नेताओं में अशोक गहलोत ही सबसे आगे दिखाई देते हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस हाईकमान को राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी का मसला भी सुलझाना होगा।
अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह
ऐसे में सवाल यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में कितने उम्मीदवार होंगे और इन उम्मीदवारों में से गांधी परिवार का समर्थन किसे मिलेगा। अगर अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह दोनों चुनाव मैदान में आ गए तो निश्चित रूप से चुनावी मुकाबला बेहद जोरदार होगा।
अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह दोनों ही कांग्रेस के बेहद अनुभवी नेताओं में से एक हैं और अपने-अपने राज्यों में लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। दोनों के पास कांग्रेस में काम करने का लंबा अनुभव है और दोनों के चुनाव में आमने-सामने होने की सूरत में निश्चित रूप से गांधी परिवार का किसी का भी समर्थन नहीं कर पाएगा और चुनाव कांटे की टक्कर का होगा।
उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर कह चुके हैं कि उन्हें देश भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समर्थन हासिल है।
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