पिछले साल जून में जब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे और उत्तराधिकारी आकाश आनंद को पहले पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया और एक महीने के अंदर उन्हें पद से हटा दिया। उस समय यह माना गया कि मायावती अब पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कदम उठा रही है। लेकिन 2 मार्च को जब मायावती ने एक बार फिर आकाश को पद से हटा दिया और सभी जिम्मेदारियां खत्म कर दीं, तो यह बसपा के अस्तित्व पर संकट के रूप में देखा गया। इसे मायावती का आत्मघाती कदम कहा जा रहा है? उनका यह कदम कई सवाल खड़े कर रहा है। यूपी को इस समय मजबूत दलित नेतृत्व की जरूरत है लेकिन मायावती उस तरफ बढ़ने की बजाय कुछ और कर रही हैं।
मायावती ने बीएसपी को कहां पहुंचा दिया, आकाश को हटाना क्या गलत?
- राजनीति
- |
- 29 Mar, 2025
यूपी में जब मजबूत दलित नेतृत्व की जरूर महसूस की जा रही थी, ठीक उसी समय मायावती के राजनीतिक एक्शन ने लोगों को चौंका दिया। आकाश उम्मीद की किरण बनकर आए थे। मायावती ने उनका करियर तो खत्म कर दिया लेकिन खुद को बीएसपी को कहां पहुंचा दिया। पढ़िये राजनीतिक विश्लेषणः
