कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही उन्होंने गांधी परिवार पर तीखा हमला किया है और कहा है कि 'पार्टी के निर्णय लेने वालों की दृष्टि अब युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है'। शेरगिल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में पद छोड़ने के पीछे कई कारण गिनाए हैं।
दो दिग्गजों गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के अपने गृह राज्यों में पार्टी पदों से इस्तीफा देने के बाद उनका इस्तीफा इस महीने कांग्रेस में तीसरा इस्तीफा है। शेरगिल ने कहा कि प्राथमिक कारण यह था कि कांग्रेस के वर्तमान निर्णयकर्ताओं की विचारधारा और दूरदृष्टि अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने आगे कहा है, 'इसके अलावा मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हित में नहीं है। बल्कि यह चाटुकारिता में लिप्त व्यक्तियों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी हो रही है। यह कुछ ऐसा है जिसे मैं नैतिक रूप से स्वीकार नहीं कर सकता या जिसके साथ काम करना जारी नहीं रख सकता।'
39 वर्षीय जयवीर शेरगिल कांग्रेस के सबसे युवा प्रवक्ताओं में से थे। वह कुछ समय से पार्टी की मीडिया ब्रीफिंग में नहीं दिख रहे थे। शेरगिल एक वकील हैं और पार्टी के प्रमुख युवा चेहरों में से एक हैं।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने तीन दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की संचालन समिति की अध्यक्षता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में आनंद शर्मा ने लिखा है कि 'आत्म-सम्मान से समझौता नहीं'। उस पत्र में उन्होंने कहा है कि 'प्रमुख बैठकों में आमंत्रित नहीं किया गया था।'
कांग्रेस को एक तरह से झटका देने वाली आनंद शर्मा के इस्तीफ़े की यह ख़बर तब आई है जब इसी साल हिमाचल प्रदेश में विधासभा के चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस यह उम्मीद लगाए बैठी है कि वह बीजेपी को सत्ता से इस बार बदेखल कर सकती है। लेकिन चुनाव से ऐन पहले ही पार्टी को झटका लगा है।
आनंद शर्मा के इस इस्तीफे से कुछ दिन पहले ही जम्मू कश्मीर कांग्रेस में भी बड़ी रार की ख़बर आई थी। इस केंद्र शासित प्रदेश से आने वाले बड़े कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने वहाँ की कांग्रेस प्रचार कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफ़े से कुछ घंटे पहले ही प्रचार कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। आजाद ने इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की कमेटी के सदस्य का पद भी छोड़ दिया था।
गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा दोनों ही जी-23 के नेता हैं। यह वही जी-23 गुट है जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व के कामकाज को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। जी-23 गुट के प्रमुख नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर आदि शामिल हैं। इनमें से कपिल सिब्बल तो पार्टी ही छोड़कर अब बाहर जा चुके हैं।
कांग्रेस से पिछले तीन सालों में कई नेता छोड़कर जा चुके हैं। पलायन की शुरुआत ज्योतिरादित्य सिंधिया से हुई थी। उसके बाद यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह और कपिल सिब्बल जैसे नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं।
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