देश के पांच राज्यों में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की जयपुर में आज बड़ी रैली होगी। इसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की संभावना है। इस रैली में मुख्य तौर पर महंगाई को मुद्दा बनाया गया है और सब्जियों व ईंधन सहित ज़रूरी सामानों की आसमान छूती क़ीमतों पर केंद्र को घेरने की योजना बनाई गई है।
यह रैली इसलिए बेहद अहम है क्योंकि अगले साल कई राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए इससे पार्टी के अभियान की शुरुआत होगी और यह चुनावी सरगर्मी बढ़ाएगी। जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं वे भी बेहद अहम हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश भी है जो राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात भी है। पंजाब भी एक अहम राज्य है जहां कांग्रेस हाल में अंदरूनी क़लह से लगातार जूझती रही है।
कांग्रेस ने जयपुर की इस रैली को 'महंगाई हटाओ' का नाम दिया है। पहले यह रैली दिल्ली के द्वारका में होनी थी लेकिन पार्टी का कहना है कि उसे इसकी इजाजत नहीं दी गई। इसके बाद राजस्थान के जयपुर को चुना गया।
राजस्थान कांग्रेस ने रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताक़त झोंक दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा और प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन लगातार रैली की तैयारियों की समीक्षा में लगे रहे।
तमाम जिलों, ब्लॉक व शहर कांग्रेस कमेटियों के कार्यकर्ताओं से पार्टी ने रैली को कामयाब बनाने के लिए कहा है। इस रैली में देश भर से कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल होंगे। कांग्रेस की कोशिश इस रैली के जरिये मोदी सरकार को जोरदार ढंग से घेरने की है। रैली में कांग्रेस के सभी फ्रंटल संगठन- जैसे महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।
इस रैली को लेकर कहा जा रहा है कि इसे बेहद सफल बनाने के पीछे कांग्रेस का एक मक़सद यह भी है कि ममता बनर्जी को एक संदेश जाए।
ममता बनर्जी की तृणमूल हाल के दिनों में कांग्रेस में तोड़फोड़ के लिए चर्चा में रही है। तो कांग्रेस की इस रैली में शक्ति प्रदर्शन से क्या यह जताने की कोशिश की जाएगी कि एकमात्र कांग्रेस के नेतृत्व में ही बीजेपी को चुनौती दी जा सकती है और वही एक विकल्प हो सकती है?
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