कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकातय की है कि कर्नाटक और पंजाब में चुनाव आचार संहिता को लागू नहीं किया जा रहा है। इसने नियमों के उल्लंघनों की पहचान करने में कथित कमियों की शिकायत भी की है। इसको लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला। कर्नाटक में मतदान और पंजाब के जालंधर में लोकसभा उपचुनाव में 10 मई को मतदान है और उसके तीन दिन बाद मतगणना है।
सलमान खुर्शीद और प्रताप बाजवा सहित कांग्रेस नेताओं के एक समूह ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मुलाक़ात की और उन्हें कर्नाटक में पार्टी के कुछ विज्ञापनों को मंजूरी नहीं दिए जाने के बारे में बताया। उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में अगले महीने चुनाव होंगे और राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक 48 घंटे पहले 1,600 करोड़ रुपये की निविदाएँ जारी कर रही है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले निविदाएँ जारी कीं। इसने आरोप लगाया कि इसके माध्यम से राज्य चुनाव के परिणामों को प्रभावित करने का एक सीधा और खुल्लमखुल्ला प्रयास था। उसने चुनाव आयोग से मामले को देखने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में नासिर हुसैन, प्रणव झा और विनीत पुनिया भी शामिल थे। उन्होंने सीईसी को बताया कि कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की टीम में ऐसे लोग हैं जो छह साल से वहाँ काम कर रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग के दिशानिर्देश कहते हैं कि पक्षपात को रोकने के लिए अधिकारियों को हर तीन साल में बदला जाना चाहिए।
पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस को कर्नाटक में कुछ विज्ञापन चलाने की अनुमति नहीं दी है, यह कदम उनके लिए अनुचित है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने कर्नाटक में कांग्रेस के खिलाफ बिना किसी रोक-टोक के अपमानजनक अभियान चलाया है।
सीईसी से मिले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने एक बयान में कहा, 'फिर भी कांग्रेस को ऐसे विज्ञापनों को चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है जो तुलनात्मक रूप से बहुत कम हैं।'
रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के बारे में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने कई नौकरशाहों का तबादला किया है जो आप के प्रति वफादार हैं। इसने 'आम आदमी क्लीनिक' में मुख्यमंत्री भगवंत मान की तस्वीरों के इस्तेमाल को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में चिह्नित किया।
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