कांग्रेस की सोमवार की रात की चेतावनी के बावजूद, सचिन पायलट राजस्थान में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दबाव बनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ आज मंगलवार 11 अप्रैल को उपवास रखने पर अडिग हैं। पायलट ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब पार्टी राजस्थान में चुनावी मोड में है और उसे बीजेपी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह सचिन के धरने की टाइमिंग गलत है। अब यही माना जाएगा कि वो बीजेपी के हाथों इस्तेमाल हो रहे हैं।
रविवार को, पायलट ने पार्टी के भीतर अपने पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी गहलोत के खिलाफ एक नया मोर्चा खोला था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के शासन के दौरान कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने में विफल रही और एक दिन का अनशन करने की योजना की घोषणा की।
क्या होगा पायलट का कदम
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पायलट के करीबी सूत्रों के हवाले से बताया कि सचिन पायलट आज अनशन पर बैठेंगे। सूत्रों ने यह भी कहा कि जब राहुल गांधी कथित भ्रष्टाचार के अडानी मुद्दे पर लड़ रहे थे, उसी तरह पायलट पिछली राजे सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए इस मुद्दे को उठा रहे थे। पायलट के "मौन व्रत" पर बैठने और सरकार के खिलाफ नहीं बोलने की संभावना है।
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पायलट और रंधावा दोनों ने फोन पर बात की लेकिन एआईसीसी के राज्य प्रभारी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री से अनशन खत्म करने के लिए नहीं कहा। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई वसुंधरा राजे शासन के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ है और किसी और पर टारगेट नहीं है।
जहां राज्य के विभिन्न हिस्सों से हजारों समर्थकों के शहीद स्मारक पर पायलट के उपवास के दौरान शामिल होने की उम्मीद है, वहीं किसी विधायक या मंत्री के उसमें शामिल होने की उम्मीद नहीं के बराबर है।
बयानबाजी शुरू
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पायलट के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत, जो वर्तमान में केंद्रीय कैबिनेट में जल संसाधन मंत्री हैं, के खिलाफ संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले की जांच चल रही है। शेखावत ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। पवन खेड़ा की प्रतिक्रिया बता रही है कि सचिन पायलट के आरोप तो ठीक हैं लेकिन उन्होंने मुद्दा उठाने का समय गलत चुना है।सचिन पर हमलाः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक राज्य के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने परोक्ष रूप से उन लोगों को चेतावनी दी जो मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ कर रहे थे कि यह पार्टी आलाकमान था जिसने गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री नियुक्त किया था। जाहिर सी बात है कि उनका इशारा सचिन पायलट की तरफ है।
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