कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को कहा है कि बहुत जल्द उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भी एक और भारत जोड़ो यात्रा निकालने के संबंध में जल्द एलान किया जाएगा। बता दें कि इन दिनों कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। कन्याकुमारी से शुरु हुई इस यात्रा को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होना है। यह यात्रा 5 महीने तक चलेगी।
जयराम रमेश ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा पार्टी के लिए बूस्टर डोज साबित हो रही है और पार्टी अगले साल गुजरात के पोरबंदर से अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड तक एक और यात्रा निकालने की योजना बना रही है।
कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा को लोगों के बीच पहुंचाने के लिए अपनी सोशल मीडिया टीम को मजबूत किया है। कांग्रेस के तमाम फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर भारत जोड़ो यात्रा का जमकर प्रचार देखा जा सकता है।
कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा को लेकर स्पष्ट कह चुकी है कि यह यात्रा कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की यात्रा है ना कि विपक्ष को। पार्टी कह चुकी है कि कांग्रेस की कीमत पर विपक्षी एकता उसे मंजूर नहीं है।
कमजोर होती गई कांग्रेस
उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड तीनों ऐसे अहम राज्य हैं जहां से दिल्ली का रास्ता तय होता है। लेकिन कांग्रेस के लिए दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि वह उत्तर प्रदेश से लगभग खत्म हो चुकी है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के उत्तर प्रदेश में पूरा जोर लगाने के बाद भी कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में ढाई फीसद वोट हासिल हुए और वह सिर्फ 2 सीटें ही अपनी झोली में डाल सकी।
बिहार में हालांकि वह महागठबंधन सरकार में है लेकिन उसकी उपस्थिति ज्यादा मजबूत नहीं है। महागठबंधन में रहते हुए 2020 के विधानसभा चुनाव में उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें वह सिर्फ 19 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी। झारखंड में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी के साथ सरकार में सहयोगी है।
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90 के दशक तक वह उत्तर प्रदेश और बिहार में बड़ी ताकत थी और आजादी के बाद से लंबे वक्त तक सत्ता में रही थी। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस उत्तर प्रदेश और बिहार में खुद को मजबूत नहीं कर पाई है।
ऐसे वक्त में जब पार्टी के तमाम दिग्गज नेता उसे छोड़ कर जा चुके हैं और वह लगातार चुनाव हार रही है तो कांग्रेस की कोशिश भारत जोड़ो यात्रा के जरिए देशभर को कवर करने की है। वर्तमान में जो यात्रा चल रही है, उसमें जो राज्य छूट गए हैं उन तक पहुंचने के लिए पार्टी गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश और अब उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भी यात्रा निकालने की बात कह रही है।
भारत जोड़ो यात्रा के जो फोटो और वीडियो सामने आ रहे हैं उनसे पता चलता है कि केरल और तमिलनाडु में इस यात्रा को अच्छा रिस्पांस मिला है। लेकिन कांग्रेस के लिए यह जरूरी होगा कि यात्रा में उमड़ रही भीड़ वोटों में भी बदले क्योंकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस औंधे मुंह गिर गई थी।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के साथ ही 2023 में 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कैसा प्रदर्शन करेगी, यह बेहद अहम होगा। इससे यह पता चलेगा कि क्या वह वास्तव में भारत जोड़ो यात्रा से मजबूत हुई है और वह 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों की अगुवाई कर सकती है या नहीं।
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