यह पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाया है। उसने पिछले छह महीने में इस मुद्दे को उठा रही है। भाजपा जो जाति जनगणना की मांग को खारिज कर रही है, ऐसी गतिविधियां कर रही है, ताकि जाति जनगणना की मांग करने वाली ओबीसी जातियां और इनसे जुड़े दल उससे दूर नहीं जाएं। बिहार में नीतीश कुमार ने जब जाति जनगणना की बात छेड़ी तो उसका सबसे बड़ा विरोध भाजपा ने किया। यहां तक की कोर्ट में जब मामला गया तो केंद्र सरकार के वकील ने उसके विरोध में दलीलें दीं। लेकिन कांग्रेस अब कर्पूरी ठाकुर के बहाने इस मुद्दे को फिर गरमा रही है।
तीन महीने पहले अक्टूबर में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद, पार्टी ने जोर देकर कहा कि अगर वह सत्ता में आती है, तो वह जाति जनगणना कराएगी और एक कानून के माध्यम से एससी, एसटी और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा को हटा देगी, ताकि उन्हें उनकी आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व दिया जा सके। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने पहली बार नारा दिया था- "जितनी आबादी, उतना हक।"
राहुल गांधी बराबर कहते रहे हैं कि पीएम मोदी जाति जनगणना कराने में असमर्थ हैं, क्योंकि वह ओबीसी कल्याण के लिए काम नहीं करते हैं। राहुल का कहना है कि “आरएसएस और मोदी ने अपने प्रतिनिधित्व के संबंध में सच्चाई से ओबीसी, दलितों और आदिवासियों का ध्यान भटकाने के लिए एक प्रणाली बनाई है। और मोदी मुख्य साधन हैं... उनका यही काम है कि भैया, ओबीसी की भागीदारी न हो... यानी उनका काम यह तय करना है कि ओबीसी का ध्यान भटक जाए, ताकि उन्हें उनका हक न मिले।”
मायावती ने भी दबाव बढ़ाया
कर्पूरी ठाकुर के बहाने बसपा प्रमुख मायावती ने भी मोदी सरकार से कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग कर दी है। उन्होंने बुधवार 24 जनवरी को इस संबंध में ट्वीट भी किए। मायावती ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा- देश में खासकर अति-पिछड़ों को उनके संवैधानिक हक के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष करके उन्हें सामाजिक न्याय व समानता का जीवन दिलाने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को आज (24 जनवरी) उनकी 100वीं जयंती पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित।3. इसी प्रकार दलितों एवं अन्य उपेक्षितों को आत्म-सम्मान के साथ जीने व उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए बीएसपी के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी का योगदान ऐतिहासिक व अविस्मरणीय है, जिन्हें करोड़ों लोगों की चाहत अनुसार भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करना जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) January 24, 2024
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